भारतीय खिलौना उद्योग में ज्यादातर खिलौने चीन और ताइवान के : निशंक

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत खिलौनों का एक बड़ा बाजार है, करोड़ों रुपये का यह भारतीय खिलौना उद्योग काफी हद तक आयात पर निर्भर है। भारत में बेचे जाने वाले ज्यादातर खिलौने चीन और ताइवान से आते हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने भारतीय शिक्षा संस्थानों के युवाओं को खिलौने बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के हेतु एक टॉयथॉन चैलेंज 2020 शुरू किया।

यह आयोजन अमेजॉन इंडिया द्वारा देश के उच्चतर शिक्षा संस्थानों के युवा इनोवेटर्स को भारतीय संस्कृति, लोक-कलाओं और मूल्यों से जोड़ने के लिए शुरू किया गया है।

भारतीय खिलौना उद्योग के बारे में बात करते हुए डॉ. निशंक ने कहा, भारतीय खिलौना उद्योग करोड़ों का है, और यह काफी हद तक आयात पर निर्भर है, जबकि भारत में बेचे जाने वाले ज्यादातर खिलौने चीन और ताइवान से आते हैं। भारत में खिलौना निर्माण में मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र का प्रभुत्व है। इस सेक्टर में हजारों एमएसएमई काम कर रहे हैं। इससे भारत में खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में हमारे अकादमिक ज्ञान एवं उद्योग जगत के बीच गैप का पता चलता है। इस अन्तराल को खत्म करने के लिए ही हम नई शिक्षा नीति सहित विभिन्न प्लेटफॉर्मो पर एक साथ काम कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि खिलौना निर्माण में भारत की एक समृद्ध परंपरा रही है, और देश भर में अनेक ज्योग्राफिकल इंडिकेटर्स रजिस्टर्ड हुए हैं, जो कि भारत के लिए इन श्रेष्ठताओं का लाभ उठाने और एक फलता-फूलता स्वदेशी खिलौना बाजार विकसित करने के लिए हमारे पास पर्याप्त आधार हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात सम्बोधन में भी कहा था कि भारत में कर्नाटक से लेकर आंध्र प्रदेश में कोंडापल्ली और असम में धुबरी तक स्थानीय खिलौनों की एक फलती-फूलती परंपरा रही है। इस संभावना का लाभ उठाना, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम बढ़ाना होगा। प्रधानमंत्री ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय खिलौना बाजार में भारी संभावनाएं हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देकर इस उद्योग में प्रगामी परिवर्तन किए जा सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने खिलौना निर्माण के क्षेत्र में इनोवेशन की बात करते हुए कहा कि राष्ट्र की युवा प्रतिभाओं को खिलौना निर्माण के क्षेत्र में इनोवेटिव डिजाइनों और प्रक्रियाओं के साथ आगे आना होगा, जिनके माध्यम से हम बच्चों की कल्पनाशील-गतिविधियों का विस्तार कर सकते हैं और उन्हें भारत की समृद्ध संस्कृति से परिचित करा सकते हैं।

डॉ. निशंक ने कहा, शिक्षा, मनोरंजन और सहभागिता पर केंद्रित अमेजॉन का टॉयथॉन चैलेंज हमारे युवाओं द्वारा खिलौना डिजाइन और तकनीक में नवप्रवर्तनों का लाभ उठाने हेतु प्रेरित करने के लिए है, ताकि हमारे इतिहास और संस्कृति पर गर्व की भावना को अधिक बल दिया जा सके। अमेजॉन इंडिया को उनकी संभावनाओं का विस्तार करते देखना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर आगे आकर ऐसी पहल के साथ नेतृत्व करते देखना काफी सुखद है।

टॉयथॉन चैलेंज 2020 में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए डॉ. निशंक ने कहा कि इस तरह के आयोजन से भारत में खिलौना निर्माण उद्योग को बड़ा बल मिलेगा और वैश्विक परिदृश्य में हमारी स्थिति और बेहतर बनेगी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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