ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति 1948 से 1971 तक की पाकिस्तान की खुफिया ब्रांच की रिपोटरें को पढ़कर देश के भाषा आंदोलन का असल इतिहास आसानी से जान सकता है।
रविवार को हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) ने कहा, हम 21 फरवरी, 1952 को बंगाली भाषा के लिए अपना बलिदान देने वाले शहीदों को याद करते हैं और इसे शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं।
उन्होंने कहा कि देश को स्वतंत्रता, भाषा आंदोलन के जरिए मिली थी और इसका नेतृत्व राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ने किया था। यहां तक कि जब उन्होंने यह आंदोलन शुरू किया था तो जानकार और बुद्धिजीवियों ने इसका विरोध किया था। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कई लोगों ने उनकी यह कहने पर आलोचना भी की है कि पाकिस्तान की खुफिया ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर भाषा आंदोलन की शुरूआत बंगबंधू ने की थी।
मातृभाषा की शिक्षा की अहमियत बताते हुए हसीना ने कहा, भाषा किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत अहम होती है लेकिन दुर्भाग्य से कई भाषाएं धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं। दुनिया भर की इन भाषाओं की विविधता को संरक्षित करने, उनका इस्तेमाल करने और उन्हें विकसित करने की बहुत ज्यादा जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने शहीद दिवस और अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर 4 दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन अपने अधिकारिक निवास गोनो भवन से वर्चुअल तौर पर किया। इस कार्यक्रम का आयोजन इंटरनेशनल मदर लैंग्वेज इंस्टीट्यूट (आईएमएलआई) में हुआ था।
इस मौके पर हसीना ने अपनी सरकार द्वारा मातृभाषा को बढ़ावा देने वाली तमाम योजनाओं के बारे में भी बताया।
–आईएएनएस
This post was last modified on February 22, 2021 4:03 PM
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