नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नामजद पांचों आरोपियों को बुधवार को कोई राहत नहीं दी और आरोपपत्र दायर करने के लिए और 90 दिनों का अतिरिक्त समय देने के बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया। पांचों आरोपी एक्टिविस्ट – सुरेंद्र, गाडलिंग, सुधीर धावले, महेश राउत, रोमा विल्सन और सोमा सेन को डिफॉल्ट का लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि शीर्ष अदालत ने कहा कि उन्हें अब नियमित जमानत के लिए आवेदन करना होगा।
गैरकानूनी रोकथाम गतिविधि अधिनियम के तहत एक ट्रायल कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता के तहत 90 दिनों की समय सीमा से परे और 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया था।
एक जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव गांव में जातिगत हिंसा को भड़काने में कथित भूमिका के लिए कार्यकर्ताओं को अगस्त 2018 में विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया था।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…