बहुपक्षवाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति

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बीजिंग, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई बार बहुपक्षवाद की चर्चा की और बहुपक्षवाद के महत्व पर जोर दिया। 75वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस में शी चिनफिंग ने कहा कि हमें बहुपक्षवाद पर कायम रहते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए।

लेकिन आम रूझान में प्रतिकूल धारा भी है। अब संरक्षणवाद, एकतरफावाद और धौंस जमाने का व्यवहार सक्रिय होने लगा है। कुछेक देश और राजनीतिक शक्तियां अपनी जिम्मेदारियां दूसरों पर लादने, अन्य देशों के साथ संपर्क तोड़ने और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से हटने में व्यस्त हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को नुकसान पहुंचाते हैं और देशों के बीच मुकाबला पैदा करने की कोशिश करते हैं, जिससे दुनिया को खतरे का सामना करना पड़ता है। यह प्रतिकूल धारा न सिर्फ बहुपक्षवाद के लिए चुनौती है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ के काम के लिए परीक्षा भी है। इसके बावजूद चीन हमेशा बहुपक्षवाद के कार्यांवयन पर अडिग है और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य भूमिका की ²ढ़ रक्षा करता है।

बहुपक्षवाद अंतर्राष्ट्रीय मामलों के समाधान का आवश्यक माध्यम है। वैश्विक चुनौतियों का वार्ता और सहयोग के जरिए ही निपटारा करना चाहिए। बहुपक्षवाद अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय का मजबूत आधार भी है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समान विचार है कि एकतरफावाद का भविष्य नहीं होता और धौंस जमाने का व्यवहार अलोकप्रिय है। यह सर्वविदित है कि कोई भी देश सभी अंतर्राष्ट्रीय मामलों का अपने हाथों में नहीं रख सकता, कोई भी देश अन्य देशों का भाग्य निश्चित नहीं कर सकता, कोई भी देश विकास की श्रेष्ठता पर अपना एकाधिकार नहीं जमा सकता, कोई भी देश दुनिया में अपनी इच्छा से काम नहीं कर सकता।

कोविड-19 महामारी से मानव समुदाय के साझे भविष्य के निर्माण की विचारधारा और अधिक गहन रूप से लोगों के दिलों में बस गई है। महामारी के अलावा, मानव जाति जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद आदि बहुत-सी चुनौतियों से जूझ रही है। इन समस्याओं का समाधान अकेले ही नहीं किया जा सकता। सभी लोगों को एकजुट होकर समान प्रयास करना चाहिए।

हालांकि, दुनिया में बड़ा परिवर्तन हो रहा है, लेकिन चीन का बहुपक्षवाद का समर्थन करने का रुख कभी नहीं बदला है। दुनिया में सबसे बड़ा विकासशील देश और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य होने के नाते चीन लगातार संयुक्त राष्ट्र संघ के आदर्श का कार्यांवयन करता रहेगा। चीन हमेशा शांतिपूर्ण दुनिया का निमार्ता है, वैश्विक विकास का योगदान करने वाला है और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

— आईएएनएस

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