पटना, 19 फरवरी (आईएएनएस)। लोकजनशक्ति पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के नेता पार्टी छोड़कर अन्य दलों का दामन थाम रहे हैं। लोजपा भले ही समुद्र मंथन के दौर से गुजरने की बात कर रही हो, लेकिन पार्टी के नेता भी संगठन में व्यापक बदलाव की वकालत कर रहे हैं।
लोजपा के कई नेता कांग्रेस जैसी पार्टी में शामिल हुए थे और बुधवार को पूर्व विधायक और भाजपा से लोजपा में आए रामेश्वर चौरसिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अपनों से मिल रहे इन झटकों से अभी पार्टी उबर भी नहीं पाई थी कि गुरुवार को पार्टी के 208 नेताओं ने लोजपा का बंगला छोड़कर जदयू में शामिल हो गए।
लोजपा अब भले ही पार्टी छोड़ने वाले लोगों को गद्दार बताते हुए सफाई दे रही है। लोजपा ने इन नेताओं के पार्टी छोड़े जाने के बाद एक बयान जारी कर कहा कि जदयू को बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के गद्दार मुबारक हों। हमारी पार्टी समुद्र मंथन के दौर में है और लोजपा से निकले लोग जदयू में चले गए हैं।
लोजपा की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया, बीते बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और ये सभी कमजोर व गद्दार नेता भाग खड़े हुए। इन्होंने बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट से गद्दारी की और बीते चुनाव में जदयू उम्मीदवारों का साथ दिया। लेकिन, जनता ने जदयू को सबक सिखाया।
लोजपा का मानना है कि, इन गद्दार नेताओं के पार्टी छोड़ने से यह तय हो गया है कि जदयू अब खात्मे की ओर है। क्योंकि, ये लोग जहां भी जाते हैं वहां गद्दारी करते हैं। जदयू को गद्दार मुबारक हों।
बयान में दावा करते हुए कहा गया कि लोजपा की कमान चिराग पासवान के मजबूत कंधों पर है। चिराग, बिहार और बिहारी फर्स्ट के लिए सत्ता नकारने वाले शेर हैं।
इधर, लोजपा के एक नेता नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि, पार्टी संगठन में अब व्यापक पैमाने में बदलाव की जरूरत है, तभी नाराज नेताओं को रोका जा सकता है। पार्टी के नए अध्यक्ष चिराग पासवान पार्टी के संगठन में बदलाव में जुटे हैं। हालांकि वे कहते हैं कि इसमें क्या बदलाव होता है, यह तो देखना होगा।
उल्लेखनीय है कि हाल में ही लोजपा के सांसद चंदन कुमार सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर चुके हैं। इसके पहले लोजपा के राज्य में एकमात्र विधायक राजकुमार भी जदयू के नेता और मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात कर चुके हैं।
बाद में हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले को लेकर कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री होने के नाते उनसे किसी भी दल के सांसद, विधायक क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मिलते हैं, इसमें राजनीति नहीं देखनी चाहिए।
बहरहाल, लोजपा के समुद्र मंथन के दौर में पार्टी छोड़कर जा रहे नेताओं को पार्टी के साथ एकजुट रखना पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान के लिए एक चुनौती है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम
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