पटना, 4 अप्रैल (आईएएनएस)| बिहार में लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में अन्य राज्यों में रहने वाले लोग लौटे हैं। सरकार अब अन्य राज्यों से लौटे लोगों को स्क्रीनिंग करा रही है। बाहर से लौटे लोगों की संख्या करीब एक लाख 70 हजार बताई जा रही है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि चरणवार होने वाली इस स्क्रीनिंग में पहले चरण में उन लोगों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी जिन्हें राज्य के सरकारी भवनों में बने क्वरांटाइन सेंटर में रखा गया है। ऐसे लोगों की संख्या करीब 27 हजार बताई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा, “18 मार्च के बाद बिहार लौटे लोगों की जांच कराई जाएगी। चरणवार होने वाले इस स्क्रीनिंग में मुंबई से विशेष ट्रेन से लौटनेवाले लोगों की जांच कराई जाएगी साथ ही केरल, तमिलनाडु और दिल्ली से लौटे लोगों की भी जांच होगी।”
उन्होंने बताया कि गांव में फिलहाल 27 हजार लोगों को सरकारी भवनों में कोरेंटाइन में रखा गया है।
सरकार का मानना है कि अन्य राज्यों से लौटकर बिहार में आनेवाले लोगों के ग्रुप में शामिल वैसे लोगों की पहचान की जाए जिनमें संदिग्ध रूप से कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं। इसके बाद उनकी पहचान कर आवश्यकता के अनुसार टेस्ट कराया जाए।
सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग छह दिनों में छह चरण में स्क्रीनिंग करने की योजना बनाई है। सरकार का मानना है कि सभी लोगों को स्क्रीनिंग आसान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि जो लोग बिहार के बाहर से पहुंचे हैं, उनकी कोरोना जांच प्राथिमकता के आधार पर की जाए।
इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को बाहर से लौटे कोरोना के लक्षण पाए जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करवाने के निर्देश दिए हैं।
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