पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ निचली अदालत द्वारा 28 साल पुराने एक हत्या के मामले में लिए गए संज्ञान को पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निरस्त कर दिया। पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए. अमानुल्लाह की एकल पीठ ने पटना जिले के पंडारक में 16 नवंबर, 1991 को हुई हत्या के मामले में नीतीश कुमार द्वारा दर्ज याचिका की सुनवाई के बाद निचली अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया।
अदालत ने इस मामले में 31 जनवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उल्लेखनीय है कि पंडारक के ढीबर गांव में 16 नवंबर, 1991 को बाढ़ संसदीय क्षेत्र के मध्यावधि चुनाव के लिए हुए मतदान के दिन ग्रामीण सीताराम सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में नीतीश कुमार सहित कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था। लेकिन बाद में नीतीश कुमार सहित दो लोगों को पुलिस ने जांच के बाद आरोपमुक्त कर दिया था।
वर्ष 2009 में मृतक के भाई अशोक सिंह द्वारा बाढ़ के तत्कालीन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दर्ज परिवाद पत्र की सुनवाई के बाद अदालत ने नीतीश के खिलाफ संज्ञान लिया। इसे रद्द करने के लिए नीतीश ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
This post was last modified on March 15, 2019 7:28 PM
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