बेतिया | बिहार के पश्चिम चंपाारण जिले के मधुबनी प्रखंड का एक स्कूल न केवल बच्चों को किताबी ज्ञान दे रहा है बल्कि पर्यावरण का भी पाठ पढ़ा रहा है।
यहां नामांकन लेने वालों छात्र-छात्राओं को स्कूल में अपने वर्ग में प्रवेश करने के पहले स्कूल परिसर में एक पौधा लगाना पड़ता है। यह नियम शिक्षकों के लिए भी लागू है। शिक्षक भी अगर तबादला होकर यहां आते हैं, तो उन्हें सबसे पहले स्कूल परिसर में पौधा लगाना होता है। मधुबनी प्रखंड के हरदेव प्रसाद राजकीयकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के अलावे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का भी ज्ञान दिया जाता है। नौ से 12वीं कक्षा तक के इस स्कूल के प्रधानाध्यापक पंडित भरत उपाध्याय ने आईएएनएस कहा कि इस वर्ष नौवीं कक्षा में 237 छात्र-छात्राओं ने नामांकन लिया, जिन्हें अपने वर्ग में प्रवेश करने के पूर्व स्कूल परिसर में एक-एक छायादार या फलदार वृक्ष के पौधे लगाने पड़े।
उन्होंने बताया कि 1.16 एकड़ में फैले इस स्कूल में फिलहाल 400 पौधे लहलहा रहे हैं। छात्र जब तक इस स्कूल के छात्र रहते हैं, उनके द्वारा लगाए गए पौधे की देखरेख की जिम्मेदारी भी उन्हीं छात्र-छात्राओं की होती है। उपाध्याय हालांकि यह भी मानते हैं कि लगाए गए सभी पौधे नहीं बच पाते हैं।
हाईकोर्ट की अनोखी सजा : 200 पौधे लगाओ, 160 से कम बचे तो एक माह की होगी जेल
उन्होंने कहा कि इस नियम का पालन साल 2015 से यहां हो रहा है। यही नहीं कक्षा प्रारंभ होने के पूर्व प्रार्थना सभा में भी शिक्षक नियमित रूप से छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का पाठ छात्रों को पढ़ाते हैं।
स्कूल की छात्रा रिंकू कुमारी भी स्कूल परिसर में पौधा लगाकर खुश है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में स्कूल के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे स्कूल परिसर में कहीं भी छांव रहेगा तथा स्कूल परिसर में हरियाली है। उन्होंने बताया कि सभी छात्रों को पौधे लगाने की तस्वीर स्कूल कार्यालय में जमा करना पड़ता है।
पश्चिम चंपारण के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) हरेंद्र झा स्कूल के इस पहल की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि आज स्कूल से ही बच्चों को पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का पाठ पढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इससे सभी स्कूलों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा बनाए गए इस नियम की मधुबनी ग्राम पंचायत के मुखिया सुमित चैहान भी सराहना करते हुए कहते हैं कि इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में पौधों और पेड़ों के प्रति अभी से ही मोह जगेगा। उन्होंने कहा कि इस पहल का प्रभाव आसपास के गांवों में भी देखा जा रहा है। लोग पौधा लगाने के प्रति दिलचस्पी लेने लगे हैं।
बिहार : मधुबनी चित्रकला और सुजनी कला की शिल्पी कर्पूरी देवी पंचतत्व में विलीन
This post was last modified on August 2, 2019 2:42 PM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…