पटना | बिहार के थानों में अब मामलों की जांच करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारी निभाएंगे।
सरकार का मानना है कि इससे किसी भी मामले की जांच जल्द होगी और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। राज्य पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि इस साल 15 अगस्त से राज्य के सभी 1060 पुलिस थानों में अब कानून-व्यवस्था संधारण और मामलों की जांच के लिए अलग-अलग थाना प्रभारी होंगे।
बिहार पुलिस इस मामले को लेकर काफी दिनों से विचार कर रही थी, अब यह व्यवस्था 15 अगस्त से राज्य में लागू होगी। यही नहीं बिहार के थानों में अब एक प्रबंधक की भी नियुक्ति की जा रही है।
प्रबंधक की जवाबदेही थाना के प्रबंधन की होगी। थाना भवन का प्रबंधन, साफ-सफाई, आगंतुक कक्ष का रख-रखाव, आगंतुकों का स्वागत, विद्युत, दूरभाष, कंप्यूटर, इंटरनेट, वाहनों के ईंधन व मरम्मत से संबंधित कार्य की देखरेख का जिम्मा प्रबंधक करेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में 18 जुलाई को कहा था, “15 अगस्त से बिहार के हर थाने में क्राइम और उसकी जांच के लिए अलग-अलग अधिकारियों की व्यवस्था बहाल की जाएगी।”
इस दौरान उन्होंने गलत काम करने वाले पुलिस वालों को चेतावनी देते हुए कहा था कि जिनके इलाके में शराब की खरीद-बिक्री होगी उनकी थाने में दस सालों तक पोस्टिंग नहीं होगी। इसके अलावा जिनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई चलेगी उनकी भी थाने में पोस्टिंग नहीं होगी।
बिहार के थानों में करीब 1.40 लाख मामले अभी जांच के लिए लंबित हैं। बिहार में पिछले साल यानी 2018 में 2,62,802 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल अप्रैल महीने तक 86,161 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए जा चुके हैं।
इसके अलावा राज्य में जिन थानों में महिला पुलिसकर्मियों के शौचालय और स्नानघर की सुविधा नहीं होगी, वहां महिला पुलिसकर्मी तैनात नहीं की जाएंगी।
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बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक अमित कुमार ने बताया, “हाल के दिनों में 23 हजार पुलसकर्मियों की नियुक्तियां हुई हैं, जिससे राज्य में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़कर 87 हजार हो गई है।”
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यहां कुल 1.20 लाख पुलिसकर्मियों के पद हैं। कुमार ने कहा कि जल्द ही इन बचे पदों पर भी नियुक्तियां की जाएगीं।
कुमार ने कहा कि थानों में आम तौर पर मामलों की जांच और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियुक्त वर्गो में औसतन 50-50 प्रतिशत बलों का बंटवारा होगा, परंतु कुछ क्षेत्रों में जहां मामलों की जांच ज्यादा लंबित होगी वहां यह अनुपात बढ़ भी सकता है।
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This post was last modified on July 22, 2019 5:50 PM
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