नागरिकता कानून, एनआरसी और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन पर जदयू में मतभेद खुलकर सामने आ गया है। पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी तथा पार्टी के फैसले की सार्वजनिक आलोचना को लेकर जदयू प्रशांत किशोर व पवन वर्मा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
वहीं इन विवादों पर जदयू अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि जिनको जहां जाना है, वह जा सकता है। उनका मतलब था कि अगर उन्हें (पवन वर्मा) कोई दूसरी पार्टी जॉइन करनी है तो वह जा सकते हैं। गुरुवार को सीएम ने मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया है।
इससे पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा गठबंधन पर नाराजगी जताते हुए पवन वर्मा ने इस फैसले को लेकर नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी। पत्र में उन्होंने भाजपा, नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल पर अपनी राय रखी। पवन वर्मा ने पार्टी की विचारधारा के आधार पर नीतीश कुमार से सफाई मांगी।
पवन कुमार ने लिखा, “आपने कहा था कि किस तरह से भाजपा के वर्तमान नेतृत्व ने उन्हें अपमानित किया है और आपने कहा कि भाजपा देश को एक खतरनाक जगह लेकर जा रही है, संस्थानों को खत्म कर रही है। अब जरूरत है कि एक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष ताकतें का गठन किया जाए। यहां तक कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को भी ये जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।”
This post was last modified on January 23, 2020 12:18 PM
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