बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा सुशांत की संपत्ति के लिए करीब आईं रिया

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बिहार सरकार ने एक हलफनामे में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में अभिनेता की तत्कालीन प्रेमिका और अब मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती दिवंगत अभिनेता की संपत्ति हथियाने के लिए उनके करीब आई थी।

बिहार सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि अभिनेत्री ने दिवंगत अभिनेता को पहले अधिक मात्रा में दवाईयां दी और फिर यह बात फैलाई कि वह दिमागी तौर पर बीमार थे। उन्होंने यह तथ्य सुशांत के पिता की शिकायत का हवाला देते हुए पेश किया और सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती की याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने मामले की जांच पटना से मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।

एफिडेविट में कहा गया है कि मृतक के पिता ने एसएचओ राजीव नगर पीएस को दी गई लिखित शिकायत में कहा है कि साल 2019 में याचिकाकर्ता रिया चक्रवर्ती मृतक अभिनेता के संपर्क में आई, जिसके पीछे उनका एकमात्र उद्देश्य अभिनेता के करोड़ों रुपये हड़पने का था, जिसे अभिनेता ने कड़ी मेहनत से कमाया था।

उसमें आगे कहा गया है, कि याचिकाकर्ता और उनके रिश्तेदार यानी इंद्रजीत चक्रवर्ती, संध्या चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती दिवंगत अभिनेता के जीवन में पूरी तरह से हस्तक्षेप करते थे।

एफिडेविट में सुशांत के पिता के.के. सिंह का हवाला देते हुए कहा गया है, “याचिकाकर्ता (रिया) और उसके रिश्तेदार ने दिवंगत अभिनेता को यह बताने की पूरी कोशिश की कि वह मानसिक बीमारी से पीड़ित है जिसके लिए उसे उपचार की आवश्यकता थी। याचिकाकर्ता मृतक को अपने घर भी ले गई, जहां उसने उसे दवाइयों का ओवरडोज देना शुरू कर दिया।”

एफिडेविट में कहा गया कि रिया ने सुशांत के सभी सामानों को भी अपने कब्जे में ले लिया और उसे अपने परिवार से दूर रखने का हर संभव प्रयास किया।

एफिडेविट में आगे कहा गया है,” याचिकाकर्ता ने अभिनेता के बैंक खाते का विवरण भी लिया और अपनी इच्छा के अनुसार बैंक खाते का उपयोग करना शुरू कर दिया। दिवंगत अभिनेता फिल्म उद्योग को छोड़कर कूर्ग में जैविक खेती करना चाहता था, हालांकि, याचिकाकर्ता ने मृतक अभिनेता को यह कहकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया कि वह उनकी मेडिकल रिपोर्ट मीडिया को देगी और उसे पागल साबित करेगी।”

उसमें आगे कहा गया, “मृतक अभिनेता ने अपनी बहन को सूचित किया था कि अगर मृतक ने उसकी बात नहीं मानी तो याचिकाकर्ता उस पर गलत आरोप लगा देगी।”

राज्य सरकार ने जोर देकर कहा कि पटना पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करने का अधिकार क्षेत्र है और पटना में अदालत के पास अधिकार है कि राजीव नगर पीएस (पटना) में दर्ज एफआईआर में उल्लेखित अपराध के लिए याचिकाकर्ता से पूछताछ करें।

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