इंसान और जानवर की दोस्ती काफी पुरानी है। अब से पहले भी आपने इंसान और जानवरों के एक-दूसरे के प्रति वफादारी निभाने के कई किस्से सुने होंगे। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसी ही खबर बड़ी सुर्खियां बटोर रही है।
दरअसल पटना के एक शख्स ने अपनी वसीयत में करोड़ों की जायदाद से परिवार को दरकिनार करते हुए दो पालतू हाथियों के नाम लिख दी है। उसके अनुसार एक बार उनकी हत्या की कोशिश की गई थी, तब इन हाथियों ने उनकी जान बचाई थी।
राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित जानीपुर निवासी 50 वर्षीय अख्तर इमाम ने अपने हिस्से की जायदाद अपने पालतू हाथियों (मोती और रानी) के नाम कर दी है।
हालांकि, इससे नाराज होकर अब परिवार वाले ही उनके दुश्मन बन गए हैं। इसको लेकर वे लगातार थाने से लेकर डीजीपी तक सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।
अख्तर ने बताया कि 12 साल की उम्र से ही वह हाथियों की सेवा कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद के कारण करीब 10 साल पहले उनकी पत्नी दो बेटों और बेटी के साथ अपने मायके में रहने लगीं।
अख्तर ने अपनी पत्नी को आधी जायदाद सौंप दी और अपने हिस्से की लगभग पांच करोड़ रुपये की जायदाद को दो हाथियों के नाम कर दिया। अख्तर की मौत के बाद अगर दोनों हाथियों की मौत हो जाती है, तो उनकी जायदाद संस्था को चली जाएगी।
अख्तर ने बताया कि एक बार उनकी जान लेने की कोशिश की गई। हाथी ने रात को पिस्तौल लिए बदमाश को अख्तर के कमरे की खिड़की की तरफ जाते देखा तो वो चिघाडऩे लगा।इससे मेरी की नींद खुल गई और शोर मचाने पर बदमाश वहां से भाग गया।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेटे मेराज ने पशु तस्करों के साथ मिलकर हाथी बेचने की भी कोशिश की थी, लेकिन वह पकड़ा गया इसलिए वसीयत के अनुसार, अगर उनसे पहले या बाद में हाथी न रहा तो भी परिवार के किसी सदस्य को एक रुपया भी नहीं मिलेगा।
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