Lal Bahadur Shastri : आजादी के आंदोलन में 7 साल जेल में गुजारे, बाद में प्रधानमंत्री बने, जानिए उनसे जुड़ी बातें

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Lal Bahadur Shastri Jayanti: भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की जयंती 2 अक्टूबर (2 October) को मनाई जाती है। शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री के पिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। परिवार में सबसे छोटा होने के कारण बालक लालबहादुर को परिवार वाले प्यार से ‘नन्हे’ कहकर ही बुलाया करते थे।

लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ी खास बातें…

–  लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया था।

–  लाल बहादुर काशी विद्या पीठ में शामिल हुए। विद्या पीठ की ओर से उन्हें दी गई प्रदत्त स्नातक की डिग्री का नाम ‘शास्त्री’ था, और यही नाम आगे उनके नाम के साथ जुड़ गया और उनका पूरा नाम लाल बहादुर शास्त्री हो गया।

–  आजादी के आंदोलन में शामिल होने के कारण लाल बहादुर शास्त्री को कुल 7 सालों तक जेलों में रहना पड़ा। स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन उल्लेखनीय हैं।

–  आजादी के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला। वह रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री रहे।

–  लाल बहादुर शास्त्री 1964 में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। उनके शासनकाल में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। उस समय देश में भयंकर सूखा पड़ा और खाने की चीजों को निर्यात किया जाने लगा। संकट को टालने के लिए उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की। साथ ही कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया।

–  लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था, “जो शासन करते हैं उन्‍हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंतत: जनता ही मुखिया होती है।”

–  उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में 11 जनवरी, 1966 को शास्त्री ने अंतिम सांस ली। 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद (11 जनवरी) लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु हो गई।

–  शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए आज भी पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है।

This post was last modified on October 2, 2019 10:52 AM

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