नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री राजेश मूणत से से जुड़े अश्लील सीडी मामले में सुनवाई पर रोक लगा दी। इस मामले से जुड़े मानहानि के एक अन्य मामले में कथित तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी अभियुक्त बनाया गया है। सीबीआई ने मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ के बाहर कराने के लिए शीर्ष अदालत की शरण ली थी।
सोलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले के गवाहों को धमकाया जा रहा है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मेहता ने कहा, “दो गवाहों ने धारा 164 के अंतर्गत (मजिस्ट्रेट के समक्ष) बयान दिया है. आरोपपत्र दाखिल होने के बाद एक आरोपी राज्य का मुख्यमंत्री बन गया और दूसरा आरोपी उनका राजनीतिक सलाहकार।”
उन्होंने कोर्ट को बताया कि मामले के गवाहों को सीधे धमकी दी जा रही है। शीर्ष अदालत ने मामले में नोटिस जारी कर दिए। सीबीआई ने मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की है।
साल 2017 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री राजेश मूणत ने इस मामले को उजागर करने वाले बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ झूठी सीडी के माध्यम से उनकी मानहानि करने का मामला दर्ज कराया था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी माने जाने वाले मूणत ने कहा कि वह सीडी उनकी छवि को बिगाड़ने की कोशिश है। इसके बाद राज्य पुलिस ने पत्रकार वर्मा के आवास पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वर्मा पहले बीबीसी के लिए काम करते थे।
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