नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत में फुटबाल के बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले साल फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई जबकि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) और आई-लीग जैसी प्रतियोगिताओं ने देश के खिलाड़ियों के कौशल को निखारा है।
विश्व कप में भारत की कप्तानी करने वाले युवा खिलाड़ी अमरजीत सिंह कियाम का भी मानना है कि अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के इन प्रयासों से खिलाड़ियों को खुद को बेहतर करने का मौका मिला है लेकिन देश में विश्व स्तरीय फुटाबल खिलाड़ी बनाने के लिए बच्चों को बाल अवस्था से ही पेशेवर फुटबाल से अवगत कराने की जरूरत है।
अमरजीत ने आईएएनएस से कहा, “हम खुशनसीब हैं कि हमें फीफा अंडर-17 विश्व कप जैसे विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला। भारत में आजतक ऐसा मौका किसी भी फुटबाल खिलाड़ी को नहीं मिला। विश्व कप के पहले हम विदेश दौरे पर भी गए थे और टूर्नामेंट के बाद हमें आईएसएल और आई-लीग खेलने का मौका मिल रहा है। इससे भारतीय फुटबाल को भविष्य में बहुत लाभ होगा और भविष्य में भारतीय टीम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।”
अमरजीत ने कहा, “भारत और यूरोपीय देशों में ग्रासरूट स्तर पर बहुत ज्यादा अंतर है। भारत में अच्छे फुटबाल खिलाड़ी बनाने के लिए बच्चों को कम उम्र में ही पेशेवर फुटबाल से अवगत करने की जरूरत है। यूरोप में पांच साल की उम्र में ही बच्चों को बता दिया जाता है कि पेशेवर फुटबाल क्या होता है, यहां पर हमें अंडर-17 विश्व कप के बाद जाकर पता चला कि पेशेवर फुटबाल कैसा होता है। 17 साल के बाद हमें पेशेवर फुटबाल के बारे में जानकारी मिली इसलिए उम्र का बहुत अंतर हो जाता है जिसका उन्हें लाभ मिलता है।”
आई-लीग के आगामी सीजन में अमरजीत इंडियन एरोज का हिस्सा होंगे। एरोज लीग के पिछले सीजन में आखिरी पायादान पर रही थी लेकिन अमरजीत का मानना है कि इस बार उनकी टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी।
अमरजीत ने कहा, “मेरी पहली प्राथमिकता एरोज के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करना है। पिछले सीजन हमारी टीम आई-लीग में नई थी और हमें पता नहीं था कि टूर्नामेंट का स्तर क्या है, जिसके कारण टीम को प्रतियोगिता में परेशानी हुई। हमने टीवी पर जरूर आई-लीग देखा था लेकिन देखने और अंदर जाकर खेलने में बहुत ज्यादा अंतर होता है। इस बार हम टूर्नामेंट के लिए शारीरिक तथा मानसिक रूप से तैयार हैं और हमारा लक्ष्य शीर्ष पांच टीमों में जगह बनाना है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या आईएसएल या आई-लीग के किसी शीर्ष क्लब से खेलने पर उन्हें भारत की सीनियर टीम में जल्द प्रवेश मिलेगा? अमरजीत ने कहा, “भारतीय टीम के मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने हमेशा ही युवा खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाया है और हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम जिस भी टीम के लिए भी खेलें वहां अपना 100 प्रतिशत दें। अगर हम आई-लीग में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो हमारे पास भारतीय टीम के लिए खेलना का मौका है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह राष्ट्रीय टीम के लिए खेले और हमारे पास इस सपने को पूरा करने का सुनहरा अवसर है।”
आई-लीग के 2018-19 सीजन का आगाज शुक्रवार से होगा और पहले मुकाबले में एरोज के सामने चेन्नई सिटी एफसी की चुनौती होगी।
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