चीन की शान है माओथाई शराब

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बीजिंग, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। जैसे भारत की चाय, अमेरिका की कोका कोला, रूस की वोडका दुनियाभर में मशहूर है, उसी तरह चीन की माओथाई शराब देश की शान है। हालांकि, चीन में माओथाई शराब का इतिहास 135 ईसा पूर्व जितना पुराना है, जब चीन के सम्राट वु को दक्षिण-पश्चिमी चीन के क्वेचोउ प्रांत की इस शराब का स्वाद का पता चला था।

दरअसल, माओथाई क्वेचोउ प्रांत का कस्बा है, जहां ज्वार और गेंहू से बनने वाली इस सफेद चीनी वाइन यानी माओथाई शराब का उत्पादन होता है। माओथाई चीन की सबसे महंगी शराब मानी जाती है, इसमें करीब 53 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा होती है। चीनी लोग इस पर गर्व करते हैं और इसे देश की राष्ट्रीय शराब का दर्जा दिया गया है।

वैसे माओथाई शराब अपने अनूठे स्वाद के लिए जानी जाती है। इसका स्वाद थोड़ा तेज होता है, कुछ-कुछ वोडका जैसा और यह अंगूर की शराब से एकदम अलग होती है। इसकी महक किसी को भी नशे से सराबोर कर सकती है।

आम तौर पर इस शराब को किसी खास मौके जैसे शादी समारोह, जन्मदिन, बिजनेस डीलिंग या चीनी त्यौहार पर ही पिया जाता है। जब कोई विदेशी किसी चीनी के यहां मेहमान बनकर आता है तो उसे माओथाई जरूर परोसी जाती है। यह चीनी लोगों का आदर-सत्कार का एक नमूना है।

माओथाई कस्बे के आसपास 157 गांव हैं जो माओथाई के लिए ज्वार और गेंहू का उत्पादन करते हैं। माओथाई बनाने में ज्वार का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है। शराब बनाने की फैक्ट्री में मजदूर और कच्चा माल सप्लाई करने वाले किसान, निश्चित रूप से देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

यकीनन, स्थानीय अर्थतंत्र का बहुत बड़ा हिस्सा क्वेचोउ प्रांत के माओथाई शहर पर निर्भर रहता है, जहां करीब 70 हजार किसान खेतों में और इसके अलावा 20 हजार मजदूर इसके उत्पादन साधनों में संलग्न हैं। इस शहर में करीब 70 से 80 प्रतिशत लोगों की आय इस सफेद वाइन उद्योग से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आती है।

माओथाई पिछले कई दशकों में देश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। इस चीनी वाइन के प्रचार-प्रसार में चीनी नेताओं की भी अहम भूमिका रही है। नये चीन के संस्थापक माओत्से तुंग और चोउ एनलाई ने इस ब्रांड की लोकप्रियता को सींचने में मदद की। साल 1949 में चोउ एनलाई ने राजकीय भोज में माओथाई को प्रमुख शराब के तौर पर परोसने का प्रस्ताव रखा।

तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और जापानी प्रधानमंत्री काकुई तनाका के चीन दौरे और हांगकांग पर तंग श्याओफिंग और मार्गरेट थैचर की चीन-ब्रिटेन वार्ता के दौरान यह चीनी वाइन परोसी गई। चीनी नेता आज भी विदेशी मेहमानों को माओथाई ही परोसते हैं। साल 2014 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी अपने चीनी दौरे पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ माओथाई का जाम टोस्ट किया था।

चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे अधिकारी अक्सर कहते हैं कि भ्रष्ट लोग बड़ी पार्टियां देते हैं जिनमें 5 हजार डॉलर की कीमत वाली माओथाई की बोतलें बहा दी जाती हैं। चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि सरकारी पार्टियों में महंगी शराब न परोसी जाए। यही वजह है कि जब शी चिनपिंग सत्ता में आए, उसके बाद से माओथाई की बिक्री में थोड़ी बहुत गिरावट दर्ज की गई, लेकिन इसके रूतबे में रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ा।

सच में, माओथाई न केवल एक पेय पदार्थ है बल्कि ऐसा कुछ है जो चीन का इतिहास दर्शाता है और राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है। चीन के इस राष्ट्रीय पेय ने चीनी लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई हुई है।

(साभार–चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

— आईएएनएस

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