बीजिंग, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। चीन प्रथम उपग्रह प्रक्षेपण की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। बीते पचास सालों में चीन ने कुल तीन सौ से अधिक अंतरिक्ष वाहन प्रक्षेपित किये हैं। अब चीन की अपनी मानवयुक्त अंतरिक्ष यान, चंद्रमा और गहरी अंतरिक्ष की खोज, पेइताउ उपग्रह नेविगेशन, पृथ्वी अवलोकन, संचार प्रसारण तथा अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोग आदि की पूरी व्यवस्थाएं संपन्न हो चुकी है।
चीन ने अपना प्रथम उपग्रह ‘तुंगफांगहूंग नंबर 1’ 24 अप्रैल,1970 को कक्षा में सफलता से स्थापित किया। इस तरह चीन सोवियत संघ, अमेरिका, फ्रांस और जापान के बाद पांचवां ऐसा देश बना जो अपने रॉकेट से उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने में समर्थ है। इस से चीन ने पचास सालों के प्रयासों से अपना स्वतंत्र अंतरिक्ष विकास मार्ग खोल दिया है।
चीन ने वर्ष 1958 में अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने का फैसला लिया। दूसरे डिजाइनर फैन हौ ने कहा कि चीन की उपग्रह तकनीक बिल्कुल शून्य से विकसित की गयी है। पर आत्म-निर्भर और कठोर संघर्ष करने की भावना से चीनी तकनीशियनों ने अपना प्रथम उपग्रह, प्रथम बैलिस्टिक मिसाइल और प्रथम परमाणु बम का निर्माण भी किया।
चीन से पहले चार देशों ने भी अपना प्रथम उपग्रह कक्षाओं में स्थापित किया था। पर चीन का प्रथम उपग्रह इन चार देशों के प्रथम उपग्रहों के कुल वजन से तीस किलोग्राम अधिक था। और इस की ट्रैकिंग तकनीक, सिग्नल ट्रांसमिशन तकनीक तथा थर्मल कंट्रोल तकनीक भी अधिक उन्नतिशील है। और आज तक यह उपग्रह अंतरिक्ष में चल रहा है।
(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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