चीन (China) बॉर्डर (Border) पर हमेशा ही भारत को हेकड़ी दिखाने में लगा रहता हो लेकिन भारतीय बाजार में ड्रैगन (Dragon) खुद के लिए अपार संभावनाएं तलाशने में जुटा रहता है। पूर्वी लद्दाख (Ladakh) के गलवान घाटी (Galwan Valley) में हिंसक झड़प के बाद एक बार फिर देश में चाइनीज प्रॉडक्ट्स (Chinese Products के बहिष्कार की मुहिम तेज हो गई है।
ऐसे में चीन इस बहिष्कार से बचने के लिए भारतीय उपभोक्ताओं को उल्लू बनाने के लिए जोरो-शोरो से लगा हुआ है। दरअसल डोकलाम तनाव के बाद भी चाइनीज प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की मांग तेज हो गई थी। इसके बाद दिवाली जैसे बड़े पर्व पर देश के कुछ संगठनों ने चाइनीज लाइट्स और मूर्तियों को नहीं खरीदने की अपील की थी।
जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा। इसी का नतीजा हुआ कि इस बार दिवाली पर चीन के कम सामान की बिक्री भारत में हो पाई। चीन ऐसे हथकंड़े अपनाने में जुट गया जिससे अधिकतर भारतीय खरीदारों को पहली नजर में यह पता ही ना चले कि भारत में बिक रहा उनका प्रॉडक्ट किसी चाइनीज ब्रांड का है। जबकि अमूमन कोई प्रॉडक्ट किस देश में बना है यह पैकेट और प्रॉडक्ट पर लिखा होता है।
उदाहरण के तौर पर देख लीजिए कि भारत में बने प्रॉडक्टर पर लिखा होता है ‘मेड इन इंडिया’, इसी तरह चाइनीज प्रॉडक्ट्स पर लिखा होता था ‘मेड इन चाइना’। जिससे पहचान करना बहुत आसान था कि कौन सा सामान भारतीय है और कौन सा चाइनीज।अब इसी आसान पहचान को खत्म करने के लिए चीन ने अपने प्रॉडक्ट्स पर ‘मेड इन चाइना’ लिखना बंद कर दिया है अब वह लिखता है मेड इन पीआरसी।
पीआरसी का मतलब है पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना।चीन को लगा होगा कि ऐसा करने से भारतीय उपभोक्ता पीआरसी लिखा देख सामान खरीद लेंगे, वे समझ नहीं पाएंगे कि यह असल में मेड इन चाइना है। पीआरसी लिखने के साथ ही उसने अपने प्रॉडक्ट्स को एकदम भारतीय लुक देने की भी कोशिश की है। इसके तहत वह प्रॉडक्ट्स के नाम इस तरह रखता है जिससे वे भारतीय प्रतीत हों।
पैकेट पर चाइनीज भाषा का प्रिंट का इस्तेमाल किया बंद
चीन अब अपने उत्पाद पर कहीं भी चाइनीज भाषा में कुछ नहीं लिखता है, इसके साथ ही सभी जानकारी और दिशानिर्देश अंग्रेजी में ही लिखता है, यहां तक कि कई प्रॉडक्ट्स पर तो वह हिंदी में भी लिखने लगा है। इसके अलावा यदि किसी पैकेट पर कोई तस्वीर लगानी है तो वह भारतीय चेहरों की तस्वीर ही छापता है। यानी पूरी तरह प्रॉडक्ट आपको भारतीय ही महसूस होगा। जिससे की ग्राहक पहचान ही न सके कि वो उत्पाद चीन का है।
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