नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को एक अहम फैसला लेते हुए देश के गन्ना उत्पादक किसानों और नकदी के संकट से जूझ रहे किसानों को तोहफा दिया। सरकार ने चालू शुगर सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में फिर 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3,500 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी और बकाया अनुदान के भुगतान के लिए 5,361 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन भी किया है, जिससे किसानों को उनके बकाये का भुगतान हो पाएगा और मिलों का बोझ कम होगा। वहीं, 60 लाख टन चीनी निर्यात होने से मिलों के पास 18,000 करोड़ रुपये की राशि आएगी, जिससे उनकी नकदी का संकट भी दूर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी संवाददाताओं को देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने चालू सीजन में 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3,500 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह राशि सीधे किसानों के खाते में जमा होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि बकाया अनुदान के भुगतान के लिए 5,361 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो अगले एक सप्ताह में किसान के खाते में जमा कर दिया जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि देश में चालू सीजन में 310 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जबकि घरेलू खपत 260 लाख टन, इस प्रकार चीनी का आधिक्य होने के कारण दाम कम है, जिससे चीनी उद्योग और गन्ना उत्पादक किसान संकट में हैं। उन्होंने कहा कि देश के पांच करोड़ किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
सरकार के इस फैसले का चीनी उद्योग ने हालांकि स्वागत किया है। निजी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि 60 लाख टन चीनी निर्यात होने से उद्योग के पास 18,000 करोड़ रुपये की रकम आएगी, जिससे गन्ने के दाम के बकाये के भुगतान में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दूसरी अच्छी खबर यह है कि पिछले अनुदान के लिए 5,300 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे भी चीनी मिलों को बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी।
पिछले सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में केंद्र सरकार ने अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा के तहत 60 लाख टन चीनी निर्यात 10,448 रुपये प्रति टन की दर से अनुदान देने की घोषणा की थी और भारत ने 2019-20 में रिकॉर्ड 57 लाख टन चीनी निर्यात किया। इस साल स्कीम के तहत निर्यात का कोटा 60 लाख टन ही तय किया गया है, मगर अनुदान की राशि कम कर दी गई है। इसकी वजह यह है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस साल चीनी की कीमतें पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हैं।
–आईएएनएस
पीएमजे/एएनएम
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