नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के लिए न्याय की मांग करते हुए मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘पूरी तरह असंतुलित’ बताते हुए 12 घंटे का उपवास शुरू किया। आंध्रप्रदेश में एक दिन पहले ही मोदी ने रैली की थी, जिसमें उन्होंने नायडू पर जोरदार हमला बोला था। इसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष नायडू ने अपने राज्य को विशेष दर्जा (एससीएस) दिलाने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में केंद्र द्वारा किए गए अन्य वादों को पूरा करने की मांग के साथ राष्ट्रीय राजधानी में अनशन शुरू कर किया है।
काले रंग की शर्ट पहने तेदेपा अध्यक्ष ने यहां आंध्र प्रदेश भवन से ‘धर्म पोराता दीक्षा’ शुरू की।
उन्होंने कहा, “मोदी कल गुंटूर आए थे। उन्होंने मुझ पर हमला करने और मेरी आलोचना करने के लिए इतना सारा समय और इतनी ऊर्जा खर्च की, लेकिन उन्होंने किसी समस्या का समाधान नहीं किया। इसका मतलब यह होता है कि आप पूरी तरह असंतुलित हैं।”
नायडू ने कहा कि उनका यह विरोध प्रदर्शन राज्य के साथ किए गए अन्याय के खिलाफ, केंद्र को अपने वादों की याद दिलाने और आंध्र प्रदेश की ताकत का अहसास कराने के लिए है।
चंद्रबाबू ने प्रधानमंत्री को चेताया कि वह हमले बंद करें, और वादों को पूरा करने के लिए तत्परता से काम करें, क्योंकि सिर्फ दो दिन ही बचे हैं। वह स्पष्ट तौर पर मौजूदा संसद सत्र का जिक्र कर रहे थे, जो लोकसभा चुनाव से पूर्व अंतिम सत्र हो सकता है।
उन्होंने कहा, “अगर आप अपने किए वादों को पूरा नहीं करते हैं तो हम जानते हैं कि इसे कैसे पूरा करना है। यह आंध्र के स्वाभिमान का मामला है। हम जानते हैं कि पैसा कैसे कमाना है, लेकिन जब भी कोई हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाता है, हम बर्दाश्त नहीं करते हैं। यह पहले भी साबित हो चुका है।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार वादों को पूरा करने में विफल रही तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आंध्र प्रदेश में स्थायी तौर पर बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
नायडू ने कहा कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पांच साल के लिए एससीएस की घोषणा की थी, तब राज्यसभा में भाजपा नेता अरुण जेटली और वेंकैया नायडू ने 10 साल की अवधि का जोर दिया था।
उन्होंने कहा कि हर चुनावी रैली में मोदी ने एससीएस का वादा किया और इस वादे के आधार पर ही तेदेपा ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था।
राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद नायडू ने अन्य तेदेपा नेताओं के साथ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उसके बाद उन्होंने अनशन शुरू किया।
नायडू के कैबिनेट सहयोगी, सांसद, राज्य के विधायक और छात्र और कर्मचारी समूह और जन संगठनों के नेता भी उनके साथ उपवास पर हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भी शामिल हुए हैं। ये राज्य सरकार द्वारा किराए पर ली गई दो विशेष रेलगाड़ियों से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं।
कई गैर-भाजपा दलों के नेताओं के नायडू से मिलने और उनके साथ एकजुटता जताने की उम्मीद है।
This post was last modified on February 11, 2019 4:28 PM
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