कोरोना संकट: बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, की निजी अस्पतालों में टेस्ट शुरू करने की मांग

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झारखंड के पूर्व सीएम और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखकर प्राइमरी से लेकर जिला अस्पतालों तक में कोरोना संक्रमित लोगों के सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था करने की अपील की है। पत्र में मरांडी ने कहा है कि राज्य के सभी बड़े निजी अस्पतालों में कोरोना की जांच के लिए टेस्ट मशीन लगवानी चाहिए। डॉक्टर, नर्स और पारामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में मेडिकल किट की व्यवस्था होनी चाहिए। वर्तमान में जिला सदर अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित की समुचित जांच के लिए सैंपल कलेक्शन लिए जाने की व्यवस्था नहीं है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति के बावजूद लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक मजबूरी में लौट रहे हैं। हजारों श्रमिक अपने घरों को लौट भी चुके हैं। वे खुले आम घूम रहे हैं। स्थानीय लोगों के बीच इनके इस आचरण के कारण भय पैदा हो गया है। उन्हें आशंका है कि सभी प्रवासी श्रमिकों की चिकित्सीय जांच नहीं हुई है। चोरी छिपे वे आ गए हैं। ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ गया है।

बाबू लाल मरांडी ने अपने इस पत्र में सोशल डिस्टेंस बनाते हुए सभी अस्पतालों की ओपीडी को खुलवाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेश से आए प्रवासी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था मुकम्मल की जानी चाहिए, ताकि राज्य के अन्य लोगों में संक्रमण नहीं फैले। इन उपायों से हम कोरोना को और ज्यादा बढ़ने से रोक सकते हैं।

बता दें कि रांची में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मैं लॉकडाउन के शुरूआती दिनों से ही झारखंड सरकार को सुझाव देने के साथ ही आगाह भी करता रहा हूं। इसके बावजूद लगता है कि सरकार जनप्रतिनिधियों की बातों व सुझावों को गंभीरता से नहीं ले रही है। सरकार से अनुरोध है कि वह जनप्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से ले और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्रवाई करे अन्यथा वर्तमान में सरकार का जो रवैया है कि इस राज्य को गंभीर संकट में फंसने से रोकना मुश्किल होगा।

बाबूलाल ने ट्वीट में लिखा कि खबरें आ रही है कि धर्म प्रचार के नाम पर देश-विदेश से इन दिनों बहुत सारे लोग आए थे , जो केवल झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में फैले हुए हैं। राज्य सरकार से अनुरोध है कि सरकार एक सार्वजनिक अपील जारी करे कि जहां भी ऐसे लोग छिपाकर रखे गये हैं , वह तुरंत उसका खुलासा कर प्रशासन को खबर करें ताकि ऐसे लोगों की समुचित जांच की जा सके और जरूरत पड़ने पर होम क्वारेंटाईन किया जा सके।

बावजूद अगर लोग सरकार की अपील की अनदेखी करते हैं तो सरकार को इसी अपील के साथ यह चेतावनी भी जारी करनी चाहिए कि जो लोग ऐसे लोगों की पहचान छिपाने की कोशिश करेंगे, पता चलते ही सरकार द्वारा तुरंत उस घर और सामूहिक स्थलों के प्रबंधकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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