डब्ल्यूटीओ में भागीदारी के 19 सालों में बहुपक्षवाद की रक्षा करता है चीन

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बीजिंग, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। 11 दिसंबर, 2001 को चीन विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का 143वां सदस्य देश बना था। यह चीन के सुधार और खुलेपन के इतिहास में अहम मील का पत्थर है, जो चीन और विश्व अर्थतंत्र पर गहरा प्रभाव पड़ता है। डब्ल्यूटीओ में भागीदारी के पिछले 19 सालों में चीन ने ²ढ़ता से खुलेपन, समावेशी, गैर-भेदभाव आदि डब्ल्यूटीओ के केंद्र मूल्य और बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा की और डब्ल्यूटीओ में आवश्यक सुधार करने का समर्थन किया, ताकि स्वतंत्र व्यापार प्रणाली युग के विकास की मांग से मेल खा सके।

डब्ल्यूटीओ एक चिरस्थायी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका मकसद विवादों का हल करना है, जो संयुक्त राष्ट्र से अलग होता है। वह व्यापारी प्रणाली का संयोजन आधार और कानूनी आधार है, साथ ही अनेक व्यापारी समझौतों का प्रबंधक और व्यापारी कानून बनाने का पर्यवेक्षक भी है। साथ ही, वह व्यापारी विवादों का हल करने और व्यापारी वार्ता करने का स्थल भी है, इसलिए इसे आर्थिक संयुक्त राष्ट्र संघ भी माना जाता है।

हाल में, डब्ल्यूटीओ के काम में गतिरोध उत्पन्न हुआ है। इस साल के 30 नवंबर को अपीलीय निकाय का अंतिम सदस्य का कार्यकाल खत्म हो गया, जिससे अपीलीय निकाय के सभी सदस्य पद छोड़ चुके हैं। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी की विश्व अर्थतंत्र व राजनीति अनुसंधान संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अध्ययन कार्यालय की प्रभारी तोंग यान ने कहा कि विभिन्न तत्वों के झटके में भी डब्ल्यूटीओ आर्थिक भूमंडलीकरण और व्यापार स्वतंत्रता का मील का पत्थर है, साथ ही वैश्विक प्रशासन का स्तंभ भी है। वे आशा करती हैं कि चीन और कुछ प्रमुख आर्थिक इकाइयों के प्रयास से और खुली और समावेशी प्रणाली की स्थापना की जा सकेगी।

पिछले महीने आरसीईपी का औपचारिक हस्ताक्षर किया गया। यह इस बात का द्योतक है कि विश्व में सबसे बड़ा पैमाने वाला स्वतंत्र व्यापार समझौता संपन्न हुआ है। साथ ही चीन सरकार ने कहा कि चीन सीपीटीपीपी पर भी खुला रुख अपनाता है। चीनी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अर्थशास्त्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थू शिनछ्वान ने कहा कि डब्ल्यूटीओ में भाग लेने के बाद चीन में खुलेपन का स्तर निरंतर उन्नत होता रहा है। क्षेत्रीय एकीकरण डब्ल्यूटीओ की कुछ कमियों को पूरा कर सकता है और विश्व व्यापार की स्वतंत्रता और एकीकरण को उन्नत कर सकता है। इसलिए चीन बहुत सक्रिय रूप से द्विपक्षीय और क्षेत्रीय स्वतंत्र व्यापारी समझौते में भाग लेता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

— आईएएनएस

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