बॉलीवुड में दशकों से कपूर खानदान का बोलबाला चलता आ रहा है। लेकिन क्या आपको पता है इस परिवार से सबसे पहले बॉलीवुड में किसने कदम रखा? बॉलीवुड के ‘पापा जी’ कहे जाने वाले पृथ्वीराज कपूर ने। वह पृथ्वीराज कपूर ही थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में कपूर खानदान की की नींव रखी। अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें ‘पद्म भूषण’ और ‘दादा साहब फाल्के अवाॅर्ड’ से नवाजा गया। आज उनकी पुण्यतिथि है।
पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर, 1906 को पाकिस्तान के समुंद्री में हुआ था। उन्होंने पेशावर के एडवर्ड्स कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की। उन्होंने एक्टिंग की शुरुआत पेशावर के एक थिएटर ग्रुप से की। इसके बाद 1929 में पृथ्वीराज कपूर पैसे उधार लेकर बॉम्बे आ गए। बॉम्बे आकर उन्होंने इम्पीरियल थिएटर ज्वाइन किया। एक्टर बनने की चाहत रखने वाले पृथ्वीराज कपूर ने 24 साल की उम्र में जवानी से बुढ़ापे तक की भूमिका निभाकर अभिनय की मिसाल पेश की थी। उन्होंने पर्दे पर बादशाह अकबर का किरदार निभा कर सभी को अपनी बेहतरीन अदाकारी का दम दिखाया। आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
1. पृथ्वीराज कपूर ने ही कपूर खानदान से सिनेमा में एक्टिंग की नींव डाली थी।
2. उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘दो धारी तलवार’ में साइड रोल निभाया। लीड एक्टर के तौर पर उनकी पहली फिल्म साल 1929 में आई ‘सिनेमा गर्ल’ थी।
3. वर्ष 1931 में आई भारत की पहली बोलने वाली फिल्म ‘आलम आरा’ में पृथ्वीराज कपूर ही एक्टर थे।
4. उन्होंने मुंबई में साल 1944 में पृथ्वीराज कपूर ने ‘पृथ्वी थिएटर’ की नींव रखी। उस दौरान पृथ्वी थिएटर में 16 साल में 2,600 से ज्यादा नाटकों का मंचन हुआ।
5. पृथ्वीराज कपूर ने अपनी कड़क आवाज, रोबदार भाव और दमदार अभिनय से अपने द्वारा नीचे गए सभी किरदारों में जान डाल थी। उनके इसी अंदाज से लोग उनकी फिल्में काफी पसंद किया करते थे।
6. उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक्टर के साथ- साथ निर्देशक और निर्माता के तौर पर भी काम किया।
7. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई बेहतरीन फिल्में दी। जिनमें मुग़ल-ए-आज़म, आवारा, सिंकदरा, आलम आरा, और कल आज और कल आदि सबसे प्रमुख हैं।
8. 1960 में आई फिल्म ‘मुग़ल-ए-आज़म’ में बेशक मुख्य भूमिका में दिलीप कुमार थे, लेकिन बादशाह अकबर के रोल में पृथ्वीराज कपूर ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनके बेहतरीन अदाकारी ने बादशाह अकबर के किरदार को तो जीवंत किया ही, साथ ही फिल्म में चार चांद लगा दिए।
9. पृथ्वीराज कपूर का फिल्म ‘मुग़ल-ए-आज़म’ से जुड़ने का किस्सा बेहद दिलचस्प है। फिल्म के निर्देशक के. आसिफ ने पृथ्वीराज कपूर को फिल्म के लिए मेहनताना के तौर पर ब्लैंक चेक साइन करके दे दिया था और कहा था वो जितनी रकम चाहे लिख लें। लेकिन उन्होंने चैक पर एक रुपये लिखा।
10. कहा जाता है पृथ्वीराज अपने थिएटर के तीन घंटे के शो के समाप्त होने के बाद गेट पर एक झोली लेकर खड़े हो जाते थे, ताकि शो देखकर बाहर निकलने वाले लोग झोली में कुछ पैसे डाल सकें। इन पैसों के जरिए उन्होंने एक वर्कर फंड बनाया था, जिसके माध्यम से वह पृथ्वी थिएटर में काम कर रहे सहयोगियों को जरूरत के समय मदद किया करते थे।
11. पृथ्वीराज कपूर के सिनेमा में अहम योगदान के चलते उन्हें पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा गया।
12. हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अदाकार पृथ्वीराज कपूर ने 29 मई 1971 को दुनिया को अलविदा कह दिया था।
This post was last modified on May 28, 2019 7:26 PM
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