जयपुर, 24 नवंबर (आईएएनएस)। राजस्थान में 20 साल की एक युवती ने अपने लिए बेहतर भविष्य की तलाश में अदालत की शरण ली है। उसकी शादी महज ढाई साल की उम्र में कर दी गई थी।
युवती ने अदालत में कहा है कि इस तरह का बाल विवाह उसके लिए अस्वीकार्य है और वह आगे की पढ़ाई करके अपना भविष्य बनाना चाहती है।
समता की शादी 2003 में जोधपुर जिले के ओसियां तहसील में हुई थी, जब वह केवल ढाई साल की थी। उसके ससुराल वाले लगातार उस पर उनके घर आकर रहने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन समता इस बात का विरोध करती रही है। ससुराल वाले उसके परिवार को धमकाने भी लगे हैं।
समता ने अंतत: अदालत की शरण ली और जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय-1 में अपने बाल विवाह को रद्द करने का अनुरोध किया।
शिकायत के आधार पर, न्यायाधीश महेंद्र कुमार सिंघल ने सोमवार को समता के तथाकथित पति को समन भेजा है।
समता ने आईएएनएस को बताया, बाल विवाह मेरे लिए अस्वीकार्य है और मैं अपने उज्जवल भविष्य के लिए आगे पढ़ाई करना चाहती हूं।
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें सारथी ट्रस्ट की प्रबंध ट्रस्टी और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती की ओर से चलाए जा रहे बाल विवाह के खिलाफ अभियान के बारे में जानकारी मिली।
बिना किसी देरी के, उन्होंने भारती से शादी रद्द करने में मदद के लिए संपर्क किया।
डॉ. कृति भारती की मदद से समता ने जोधपुर परिवार न्यायालय-1 में बाल विवाह को रद्द करने के लिए मुकदमा दायर किया है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद, परिवार न्यायालय-1 के न्यायाधीश महेंद्र कुमार सिंघल ने उनके तथाकथित पति को तलब किया है।
–आईएएनएस
एकेके/एसजीके
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…