कोलकाता, 26 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय टीम आईसीसी विश्व कप-2019 जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी, लेकिन 15 मिनट में कहानी बदल गई और भारत को न्यूजीलैंड के हाथों सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। वहां से चीजें और भी बदतर हो सकती थीं लेकिन कोच रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में टीम ने अपनी राह नहीं छोड़ी। समय पर खिलाड़ियों को डांटने के अलावा शास्त्री उनको प्रेरित भी करते हैं और यही एक कारण है कि भारत की मौजूदा टीम की तुलना 1970-1980 की महान वेस्टइंडीज टीम से की जा रही है।
भारत ने हाल ही में बांग्लादेश को दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से मात दी। इस सीरीज का आखिरी मैच ईडन गार्डन्स स्टेडियम में दिन-रात प्रारूप में खेला गया था। मैच के बाद शास्त्री ने आईएएनएस से भारतीय टीम के कई पहलूओं को लेकर चर्चा की।
शास्त्री ने कहा कि विश्व कप की हार के बाद इस टीम ने दमदार वापसी की है जो इस टीम के बारे में काफी कुछ कहती है।
कोच ने कहा, “मेरे लिए इस टीम ने जिस तरह से जुझारूपन दिखाया है वो बेहतरीन है। मैनचेस्टर में वो 15 मिनट के बाद से टीम ने दमदार वापसी की है। उसे पचा पाना आसान नहीं था। बीते तीन महीनों में टीम ने जो जुझारूपन दिखाया है वो अविश्वस्नीय है। इसलिए मैं कहता हूं कि अगर आप पांच-छह साल पीछे देखते हैं तो यह एक ऐसी टीम है जो सभी प्रारूप में निरंतर रही है।”
अतीत को बदला नहीं जा सकता, लेकिन आगे की मंजिल पर अगले साल होने वाला टी-20 विश्व कप है और अगर उसमें जीत मिलती है तो यह विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम अजेय के तमगे को और मजबूत करेगी, लेकिन उससे पहले सवाल यह है कि क्या टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आस्ट्रेलिया की उड़ान भरेंगे? कोच ने कहा कि सभी को इसके लिए आईपीएल का इंतजार करना चाहिए।
कोच के मुताबिक, “यह निर्भर करता है कि वह कब खेलना शुरू करते हैं और आईपीएल में कैसा खेलते हैं। वहीं दूसरे खिलाड़ी विकेटकीपिंग में क्या कर रहे हैं और धोनी के मुकाबले उनकी फॉर्म क्या है। आईपीएल बड़ा टूर्नामेंट होगा क्योंकि आपके लगभग 15 खिलाड़ी तय हो चुके होंगे।”
उन्होंने कहा, “मैं कह सकता हूं कि आईपीएल के बाद आपकी टीम लगभग तय हो जाएगी। साथ ही मैं यह कहना चाहता हूं कि कौन कहां है इस बारे में कयास लगाने के बजाए आईपीएल तक का इंतजार करें। इसके बाद ही आप फैसला करने की स्थिति में होंगे कि देश में सर्वश्रेष्ठ 17 कौन हैं।”
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला दिन-रात प्रारूप का टेस्ट मैच खेला। यह इसलिए मुमकिन हो सका क्योंकि पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं। शास्त्री और गांगुली को ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेले गए मैच के बाद एख दूसरे से हाथ मिलाते हुए देखा गया। शास्त्री ने कहा कि वह बोर्ड के इस नाजुक मोड़ पर पूर्व खिलाड़ी को बीसीसीआई का मुखिया देख बेहद खुश हैं।
पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, “मुझे लगता है कि यह शानदार है। मैं उन चुनिंदा लोगों में से हूं जिन्होंने अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें सबसे पहले मुबारकबाद दी थी। मैं सबसे ज्यादा इस बात से खुश हूं कि बीसीसीआई अपनी उस स्थिति में वापस आ गई है जहां उसे होना चाहिए था। चाहे वो मैदान से बाहर हो या अंदर। मैं इस बात से और खुश हूं कि एक क्रिकेटर भारतीय क्रिकेट की देखरेख में है।”
उन्होंने कहा, “सौरभ शानदार खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं। वह एक प्रशासक भी रहे हैं। उनका अध्यक्ष बनना अहम बात है।”
टीम के युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती आई हैं। पंत का लापरवाह रवैया इसका केंद्र रहा है। शास्त्री पंत से क्या कहते हैें? इस पर कोच ने कहा, “कुछ खास नहीं। सिर्फ इतना कि तुम युवा हो और कोई भी आपसे एक दिन में सब कुछ सीखने की उम्मीद नहीं करता। आपक गलतियां करोगे, लेकिन जब तक आप बैठ कर इस बारे में सोचते रहोगे कि इन गलतियों को कैसे सुधारा जा सकता है तो, ये खेल यही आपको सिखाता है। आप एक दिन में सुपर स्टार नहीं बनते हो। आपके जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। यही जिंदगी है, लेकिन अगर आप मेहनत करोगे तो बेहतर होगे।”
भारत ने बेशक अपने पहले दिन-रात टेस्ट मैच पर अच्छा किया हो लेकिन कोच को लगता है कि गुलाबी गेंद को और परखने की जरूरत है।
कोच ने कहा, “सौरभ और बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) को इस आयोजन के लिए बधाई क्योंकि उन्होंने इस शानदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दर्शकों ने भी शानदार प्रतिक्रिया दी। लेकिन अगर आप क्रिकेट की बात करोगे, तो इसके अपने सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं। गुलाबी गेंद कैसे अपने शाइन को बनाए रखती है, इसका टेक्सचर भविष्य में परखा जाएगा। मैच ने आपको दोनों पहलू दिए हैं।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि गेंद पर काम करने में समय लगेगा। इसे बनाने वाले इसे सही तरह से तैयार करने में समय लेंगे ताकि लोग इसे रात में अच्छे से देख सकें और जब ओस होगी तो इस पर क्या असर होगा। सांझ के समय गेंद ज्यादा मूव होती है और आखिरी सत्र में यह बल्ले पर आती है और अपना रंग छोड़ने लगती है। इसे कैसे बदला जा सकता है और कैसे गुलाबी गेंद लाल गेंद की तरह सब कुछ संभालती है।”
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