नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र एक नया कानून बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसका नाम विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) होगा। इसमें निजी क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा।
आईएएनएस से खास बातचीत में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यम ने केंद्रीय बजट 2021-22 के महत्वपूर्ण पहलू के बारे में बात की।
विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) प्रमुख इन्फ्रा परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने का काम करेगा। इसे स्थायी और तेजी से इन्फ्रा निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्फ्रा सेक्टर में निवेश में तेजी लाने के लिए डीएफआई के गठन का प्रस्ताव रखा था।
हालांकि, सामान्य धारणा के विपरीत, केंद्र निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी इसमें प्रवेश की अनुमति देगा।
विशेष रूप से, डीएफआई को इस बजट में एक प्रमुख नीतिगत फैसले के रूप में देखा जा रहा है। सीतारमण ने 20,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ डीएफआई स्थापित करने की घोषणा की थी।
–आईएएनएस
एसकेपी
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