दिग्विजय की हार पर वैराग्यानंद समाधि लेने पर अडिग

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 भोपाल, 16 जून (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव में भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिह की जीत की भविष्यवाणी गलत साबित होने पर समाधि लेने का ऐलान करने वाले वैराग्यानंद गिरि अपनी बात पर कायम हैं।

  उन्होंने आगामी समय में अच्छा मुहूर्त आने पर समाधि लेने की बात कही।

वैराग्यानंद ने 16 जून को दोपहर दो बजकर 11 मिनट पर समाधि लेने का ऐलान किया था। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी तरुण पिथौड़े को पत्र लिखकर अनुमति मांगने के साथ स्थान निर्धारित करने का अनुरोध किया था। जिलाधिकारी ने अनुमति नहीं दी, मगर वैराग्यानंद रविवार को भोपाल पहुंचे, उन्हें एक होटल से तय समय तक बाहर नहीं निकलने दिया।

वैराग्यानंद रविवार को यहां पहुंचे। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “मेरा संकल्प था कि अगर किसी कारणवश दिग्विजय सिंह चुनाव हारते हैं तो जिंदा समाधि लूंगा। उसी के चलते आज असम से साढ़े सात बजे सुबह भोपाल पहुंचा, जहां जिला प्रशासन ने रोक लिया और होटल लाया गया। समाधि के तय समय पर प्रशासन ने होटल से बाहर नहीं निकलने दिया।”

उन्होंने आगे कहा, “आगे अगर कोई मुहूर्त बनता है तो फिर समाधि के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगूंगा। अपने संकल्प पर दृढ़ हूं, जिंदा समाधि लूंगा।”

निरंजनीय अखाड़े के पूर्व महामंडलेश्वर वैराग्यानंद ने अपने अधिवक्ता माजिद अली के माध्यम से जिलाधिकारी को बीते गुरुवार को दिए आवेदन में कहा था कि कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिह के पक्ष में प्रचार करते हुए उनकी विजय की कामना के लिए उन्होंने एक यज्ञ-हवन किया था और संकल्प लिया था कि अगर इस चुनाव में दिग्विजय सिह को पराजय मिलती है तो हवन कुंड में वह ब्रह्मलीन समाधि ले लेंगे।

बाबा वैराग्यानंद ने मई में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिह को चुनाव जिताने के लिए राजधानी के कोहेफिजा इलाके में मिर्ची यज्ञ किया था। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि यदि दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव में भोपाल सीट से चुनाव नहीं जीते तो वह (वैराग्यानंद) हवन-कुंड में समाधि ले लेंगे। लोकसभा चुनाव में सिह को भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिह ठाकुर से हार का सामना करना पड़ा।

बाबा वैराग्यानंद को कंप्यूटर बाबा का नजदीकी भी माना जाता है। कंप्यूटर बाबा ने भी दिग्विजय सिह की जीत के लिए हठ योग किया था। कंप्यूटर बाबा को राज्य सरकार ने नदी न्यास का प्रमुख बनाया है।

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