डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे उत्तराखंड के चारधाम क्षेत्र और 12 हजार ग्राम

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नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में भारत नेट 2.0 प्रोजेक्ट को भारत सरकार की हरी झंडी मिल गयी है। इसके तहत उत्तराखंड के 12 हजार ग्राम इंटरनेट से जोड़े जाएंगे। उत्तराखंड में चारधाम क्षेत्र की डिजिटल कनेक्टिविटी और बॉर्डर एरिया में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी को सु²ढ़ीकरण किया जाएगा।

डिजिटल कनेक्टिविटी के विषय पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात भी की है। इस वार्ता में चारधाम क्षेत्र की डिजिटल कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने पर सहमति बनी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि बॉर्डर एरिया में इंटरनेट कनेक्टिविटी के सु²ढ़ीकरण के लिये प्रोजेक्ट बनाया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में इंडिया एंटरप्राइज आ*++++++++++++++++++++++++++++र्*टेक्च र परियोजना शीर्ष प्राथमिकता से लागू किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत भारतनेट फेज-2 परियोजना के प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमोदन शीघ्र करने का भी आग्रह किया है।

उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक, महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति और आपदा के प्रति संवेदनशीलता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, भारतनेट परियोजना की स्टेट-लेड मॉडल में समयबद्धता के साथ क्रियान्विति बहुत जरूरी है। परियोजना में अनावश्यक विलम्ब न हो, इसके लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमोदन जल्द से जल्द दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिया एंटरप्राइज आ*++++++++++++++++++++++++++++र्*टेक्च र परियोजना मे उत्तराखण्ड को भी शामिल किया जाए, ताकि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विभागों की कार्यप्रणाली को राज्यव्यापी कम्प्यूटरीकृत किया जा सके। कोरोना संकट से सीख लेते हुए ऐसा किया जाना बहुत आवश्यक है। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को हरसम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया है।

इससे पहले भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के संचालन पर होने वाले व्यय के लिए राज्य सरकार ने 45 लाख जारी करने पर सहमति दी है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव एसए मुरूगेशन की ओर से इसका जीओ जारी कर दिया गया है।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया था। राज्य में भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के क्रियान्वयन के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान रुड़की द्वारा 15 भूकंप सेंसर लगाए गए थे। जो वर्तमान में खराब हो गए हैं। इन्हें बदलने के लिए 45 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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