नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने 28 अप्रैल के अपने बयान को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने बयान जारी कर कहा, “मेरा इरादा गलत नहीं था।”
जफरुल इस्लाम ने कहा, “28 अप्रैल, 2020 को मेरे द्वारा जारी किए गए ट्वीट में उत्तर-पूर्वी जिले की हिंसा के संदर्भ में कुवैत को भारतीय मुसलमानों के उत्पीड़न पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया गया, कुछ लोगों को इससे पीड़ा हुई, जो कभी भी मेरा उद्देश्य नहीं था।”
उन्होंने कहा, “मुझे महसूस होता है जिस समय पूरा देश मेडिकल इमरजेंसी का सामना कर रहा है, उस समय मेरा ये ट्वीट असंवेदनशील था, मैं उन सभी से माफी मांगता हूं, जिनकी भावनाएं आहत हुईं।”
खान ने आगे कहा, “मैंने मीडिया के एक हिस्से को गंभीरता से लिया है जिसने मेरे ट्वीट को विकृत कर दिया और मुझे उन चीजों के लिए जिम्मेदार ठहराया जो मैंने कभी नहीं कहा। जरूरत पड़ी तो आगे कानूनी कदम उठाए जाएंगे।”
उन्होंने इस बयान में अपने सभी दोस्तों का धन्यवाद भी किया और कहा कि अपने सभी दोस्तों और शुभचिंतकों को धन्यवाद देता हूं जो इस कठिन समय के दौरान एकजुटता से मेरे साथ खड़े रहे और मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि हमारे संस्थानों के भीतर और हमारे संविधान के ढांचे के भीतर कट्टरता और नफरत की राजनीति के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
जफरुल इस्लाम ने 28 अप्रैल को सोशल मीडिया पर कहा था कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। इतना ही नहीं, धमकी भरे लहजे में लिखा गया कि अगर भारतीय मुसलमानों ने भारत में धर्म के नाम पर हो रहे कथित अत्याचार के खिलाफ अरब और मुस्लिम देशों से शिकायत कर दी तो कट्टर लोगों को जलजले का सामना करना होगा।
–आईएएनएस
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