नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)| दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखा है। साथ ही ये सुझाव दिया है कि मुआवजे को दो गुना किया जाना चाहिये।
वहीं मांग की है कि, क्षति के बारे में पता लगाने के लिए मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाना चाहिए। ताकि इससे पीड़ित को उचित मुआवजा मिल सके क्योंकि कुछ मामलों में पीड़ित को मिलने वाला मुआवजा, उसको हुए नुकसान की तुलना में काफी कम है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम ने आईएएनएस को बताया कि, “हमें पता चला है कि घर के एक सदस्य को एक परिवार माना जाएगा और उसे केवल एक ही मुआवजा दिया जाएगा। यह अन्यायपूर्ण और अतार्क है क्योंकि कई जगह लोग संयुक्त परिवार में रहते हैं। इसी तरह कई इमारतों में एक परिवार के बेटे-बहू अलग-अलग तलों या हिस्सों में रहते हैं। ऐसी स्थितियों में इन सभी को एक परिवार नहीं माना जा सकता। उन्हें अलग-अलग परिवार के तौर पर मुआवजा दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि, हमने पत्र में यह भी लिखा है कि एसडीएम कार्यालय में लोगों को आवेदन की रसीद नहीं दी जा रही है। यह चिंताजनक है क्योंकि जो लोग मुआवजे से वंचित रह जाएंगे, वो कैसे साबित करेंगे कि उन्होंने भी हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन दिया है। इसके अलावा पुलिस स्टेशन और एसडीएम कार्यालयों के अधिकारी पीड़ितों से आधार कार्ड, किराएनामे जैसे दस्तावेजों की मांग कर रहे हैं। जिन लोगों के घर जल गये हैं वो लोग ये दस्तावेज कहां से लाएंगे?”
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