नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय वित्तमंत्री से करों में दिल्ली को समुचित हिस्सा देने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार के मुताबिक केंद्रीय कर, केंद्रशासित राज्यों को केंद्र सहायता और आपदा प्रबंधन कोष में दिल्ली को जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर सहायता दी जानी चाहिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्तमंत्रियों के साथ सोमवार को एक बजट पूर्व बैठक की। इस दौरान दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने यह मांग की।
उन्होंने कहा, 2001-02 से लेकर अब तक बीस साल में केंद्रीय करों में दिल्ली का हिस्सा मात्र 325.00 करोड़ रुपए पर सीमित रखा गया है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र होने के साथ ही यहां विधानसभा भी है। लेकिन केंद्रीय वित्त आयोग के टर्म ऑफ रिफ्रेंस में दिल्ली को शामिल नहीं किया गया है। इसे केंद्रीय करों में मात्र 325.00 करोड़ रूपयों का तदर्थ अनुदान मिलता है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, देश की राजधानी होने और तेजी से बढ़ता महानगर होने के नाते दिल्ली सरकार पर विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की चुनौती है। साथ ही, व्यापक आबादी को सर्वोत्तम नागरिक सुविधाओं की आपूर्ति करना तथा सबको रोजगार के अवसर प्रदान करते हुए राजधानी में एक शानदार जीवन का अवसर प्रदान करना जरूरी है।
दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, परिवहन, सड़क और अस्पताल आदि में काफी निवेश की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार के मुताबिक विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय करों में दिल्ली को अपना वैध हिस्सा पाने का पूरा हक है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नियमानुसार वित्तवर्ष 2020-21 में 8150.00 करोड़ रुपये और वित्तवर्ष 2021-22 में 8555.00 करोड़ रुपये का आवंटन दिल्ली के लिए किया जाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के तीनों नगर निगम गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और अन्य राज्यों के नगर निकायों की तरह इन्हें भी केंद्रीय सरकार से वित्तीय सहायता पाने का पूरा हक है। दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप दिल्ली राज्य सरकार अपनी शुद्ध कर आय का 12.5 प्रतिशत हिस्सा दिल्ली नगर निगमों को देती है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चौदहवें वित्त आयोग ने वर्ष 2015-20 की अवधि में स्थानीय निकायों के लिए 2,87,436 करोड़ रुपये अनुदान का प्रावधान किया है। इस आधार पर हरेक नगर निकाय को प्रति-व्यक्ति, प्रति-वर्ष 488 रुपये मिलने चाहिए।
सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री को बताया कि दिल्ली को वर्ष 2000-01 में केंद्रीय सहायता के रूप में 370 करोड़ मिले थे, जबकि वर्ष 2020-21 में मात्र 626 करोड़ रुपये मिले हैं। वर्ष 2000-01 में सामान्य केंद्रीय सहायता कुल व्यय का 5.14 प्रतिशत थी। यह वर्ष 2020-21 में घटकर मात्र 0.96 प्रतिशत रह गई है।
वर्तमान वित्तवर्ष में कोरोना संकट के कारण दिल्ली सरकार पर नागरिकों के लिए भोजन, सूखा राशन, आश्रय, होम आइसोलेशन, दवा जैसी आवश्यक और आकस्मिक गतिविधियों पर काफी खर्च आ रहा है। कोरोना की महामारी जारी होने के कारण दिल्ली सरकार पर आर्थिक दबाव बरकरार है।
सिसोदिया ने कहा कि इस प्रतिकूल स्थिति के मद्देनजर चालू वर्ष में दिल्ली को सामान्य केंद्रीय सहायता 626.00 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वित्तवर्ष 2020-21 में 1835.00 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2021-22 में 1925.00 करोड़ रुपये मिलनी चाहिए।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…