नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। दीपावली पर दिल्ली में इस बार केवल ग्रीन पटाखों का उत्पादन, बिक्री और उपयोग करने की अनुमति रहेगी। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली सरकार के मुताबिक दीपावली पर जलाए जाने वाले पटाखों से दिल्ली की हवा प्रदूषित हो जाती है और मौजूदा कोरोना काल में लोगों की जिंदगी पर इसका गंभीर असर पड़ता है।
ग्रीन पटाखे में पायरोटेक्निक फायर वर्क्स के साथ ईंधन और आक्सीडाइजर को मिलाया जाता है, जिसमें सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्व बहुत कम मात्रा में होते हैं। ग्रीन पटाखों के उपयोग से जो प्रदूषण होता है, उसे काफी स्तर तक कम किया जा सकता है।
इसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2018 को आदेश जारी किया था कि दिल्ली के अंदर ग्रीन पटाखों के अलावा जो भी पारम्परिक पटाखे बनाए, बेचे और उपयोग किए जाते हैं, उस पर रोक लगाई जाए।
दिल्ली और देश भर में 93 उत्पादक एजेंसियां हैं, जो पायरोटेक्निक और ऑक्सिडाइजर को मिलाकर ग्रीन पटाखों का उत्पादन करती हैं। दुकानदार ग्रीन पटाखे उत्पादकों से आयात कर सकते हैं और उसी को उपयोग में लाया जा सकता है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, मैं दिल्लीवासियों से अपील करता हूं कि वे कोविड-19 महामारी के कारण स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नो पटाखा अभियान शुरू करें। दीपावली पर जलने वाले पटाखे और पराली जलने से होने वाला धुंआ दिल्ली के प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। इसलिए ग्रीन पटाखा को सख्ती से लागू किया जाएगा।
गोपाल राय ने कहा, दिल्ली सरकार की तरफ से युद्ध, प्रदूषण के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है। इस पूरे अभियान के तहत पिछले करीब एक महीने से धूल प्रदूषण के खिलाफ एंटी डस्ट कैंपेन, वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान, पराली की समस्या से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर का छिड़काव, दिल्ली के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी और दिल्ली के अंदर जो हमारे 13 हॉटस्पॉट हैं, उनका नजदीकी से निगरानी का काम किया जा रहा है।
दिल्ली में इन अभियानों के बावजूद भी अगर कहीं पर लापरवाही हो रही है, तो उस पर कार्रवाई हो और उसको नियंत्रित किया जाए, इसके लिए ग्रीन दिल्ली ऐप लांच किया गया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अब दीपावली नजदीक आ रही है। पराली जलने से धुआं होता है और दीपावली के समय पटाखे जलाने से दिल्ली की हवा जहरीली होती है। इसका बहुत ही गहरा असर दिल्ली के लोगों की जिंदगी पर पड़ता है। इसलिए दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट के 23 अक्टूबर 2018 के आदेशानुसार दिल्ली के अंदर केवल ग्रीन पटाखों का उत्पादन, बिक्री और उपयोग किया जा सकता है।
डीपीसीसी की वेबसाइट पर ग्रीन पटाखों के पंजीकृत उत्पादकों की सूची बुधवार को अपलोड की जाएगी। जिसका उपयोग दिल्ली के सभी पटाखा निर्माता और विक्रेता कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रीन पटाखों का उपयोग हो रहा है या नहीं, इसके लिए कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इसकी जांच करें और सुनिश्चित करें।
— आईएएनएस
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