नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को ऑड-ईवन योजना के तीसरे चरण को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर विचार करने के लिए कहा।
राष्ट्रीय राजधानी में ऑड-ईवन योजना चार नवंबर से 15 नवंबर तक लागू रहेगी।
विभिन्न याचिकाओं में दिल्ली सरकार की योजना पर सवाल उठाया गया है। योजना के तहत इस दौरान सीएनजी वाहनों को भी योजना के दायरे में रखा गया है और इसके लिए तर्क दिया गया है कि प्रत्येक वाहन का ईंधन जांचना बहुत मुश्किल है।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की एक पीठ ने विभिन्न याचिकाओं को देखते हुए याचिकाकर्ताओं से दिल्ली सरकार के समक्ष प्रजेंटेशन देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने सरकार को इन याचिकाओं पर कानून के अंतर्गत पांच नवंबर से पहले विचार करने के लिए कहा है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले दो-पहिया वाहनों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। याचिकाओं में महिला कार चालकों को भी इसमें छूट देने पर सवाल करते हुए कहा गया है कि यह कानून के समक्ष लिंग के आधार पर समानता को नकारता है। याचिकाकर्ताओं ने योजना को कोर्ट द्वारा रद्द कराने की मांग की है, क्योंकि ‘यह संविधान के अंतर्गत दिए गए मौलिक अधिकारों का बुरी तरह उल्लंघन करती है।’
एक याचिकाकर्ता संजीव कुमार ने कहा कि ऑड-ईवन योजना मनमानी और अर्थहीन है। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण रोकने की आड़ में करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार की तारीफ और विज्ञापन कर सिर्फ वोट बैंक की राजनीतिक चमकाने के लिए लाई गई है।
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