डीयू: खुल गईं प्रयोगशालाएं लेकिन छात्र अभी भी नदारद

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नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों को एक फरवरी से प्रयोगशालाओं में जाने की अनुमति दे दी गई है। केवल 50 फीसदी छात्र ही प्रयोगशालाओं में जा सकते हैं। 50 फीसदी छात्रों को अनुमति दिए जाने के बावजूद प्रयोगशालाओं में 10 फीसदी छात्र भी नहीं पहुंच रहे हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, फैसला किया गया कि डीयू अब धीरे-धीरे सावधानी के साथ केवल अंतिम वर्ष के छात्रों को छोटे-छोटे समूह में अपने संबंधित कॉलेजों और विभागों की प्रयोगशालाओं में आने की अनुमति दी है।

प्रयोगशालाएं खोले जाने के बावजूद काफी कम छात्र कॉलेजों में आ रहे हैं। दरअसल डीयू के कॉलेजों में दिल्ली के बाहर अधिक हैं। इसलिए भी यहां आ रहे छात्रों की संख्या कम है। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक के प्रयोगात्मक कार्यो के लिए छात्रों पर किसी भी तरह का दबाव नहीं है, न ही उन्हें अनिवार्य तौर पर प्रयोगशालाओं में आने का आदेश दिया गया है।

साउथ कैंपस के एआरएसडी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ज्ञानतोष झा के मुताबिक प्रयोगाशाला में सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। हालांकि अपेक्षा से कम विद्यार्थी यहां आए हैं। पहले दिन हमारे यहां लगभग 20 विद्यार्थी ही आए। थर्मल स्कैनिंग से लेकर बाकी सभी जरूरी एहतियात पूरे किए गए।

रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मनोज खन्ना ने कहा कि कोरोना से बचाव के सभी इंतजाम किए गए, लेकिन 12 छात्र प्रयोगशाला में पहुंचे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अन्य कॉलेज, राजधानी कॉलेज के मुताबिक कॉलेज में डीयू और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सभी आवश्यक उपाय किए गए, बावजूद इसके अभी भी प्रयोगशालाओं में छात्रों की संख्या न के बराबर है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय व डीयू से संबंधित कॉलेज 100 फीसदी स्टाफ के साथ खुलने लगे हैं। हालांकि कॉलेजों के क्लासरूम अभी भी पूरी तरह से खाली ही हैं। दरअसल विश्वविद्यालय एवं विभिन्न कॉलेजों के कर्मचारियों ने अपने अपने कॉलेजों में पहुंचना शुरू कर दिया है, लेकिन छात्रों की पढ़ाई अभी भी ऑनलाइन माध्यमों से ही हो रही है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी हंसराज सुमन ने आईएएनएस से कहा, विज्ञान की पढ़ाई से जुड़े अंतिम वर्ष के कुछ छात्रों के लिए प्रयोगशालाएं खोली गई हैं। हालांकि इन प्रयोगशालाओं में भी सभी छात्र एक साथ नहीं आ सकते। वहीं कई स्थानों पर तो इक्का-दुक्का छात्र ही प्रयोगशालाओं में पहुंच सके। दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र दूसरे राज्यों से दिल्ली आते हैं और फिलहाल वे दिल्ली में मौजूद नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रयोगशालाओं में भी छात्रों की मौजूदगी बेहद कम है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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