डटे रहें, हमारा सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है : इसरो वैज्ञानिकों से मोदी (लीड-1)

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बेंगलुरू, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| चंद्रमा की सतह पर उतरने से कुछ ही समय पहले लैंडर विक्रम का सिग्नल खोने के बाद निराशा के माहौल से जूझ रहे इसरो के वैज्ञानिकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। चंद्रयान-2 की टीम की हौसलाअफजाई करते हुए और उन्हें आगे बढ़ने के प्रेरित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आप उतना करीब पहुंचे जितना हो सकता था। अडिग रहें और आगे बढ़ें।” मोदी ने कहा कि मिशन की असफलता के बाद हर कोई वैज्ञानिकों की निराशा को समझ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कवि इस पर कविता लिखता तो यह उल्लेख करता कि, “चंद्रयान चंद्रमा को गले लगाने दौड़ पड़ा।” उनके ऐसा कहते ही उपस्थिति लोगों ने तालियां बजानी शुरू कर दी।

इसके कुछ मिनटों बाद प्रधानमंत्री इसरो के प्रमुख के. सिवन को गले लगाकर सांत्वना देते नजर आए, जो उस समय रो पड़े जब मोदी वहां से रवाना होने वाले थे।

वैज्ञानिकों को ‘असाधारण पेशेवर’ बताते हुए मोदी ने कहा कि आपके साथदेश और दुनिया खड़ा है। मोदी ने कहा, “आप अपने स्वभाव के अनुरूप एक ऐसी जगह पर पहुंच गए जहां कोई भी पहले नहीं गया था।”

मोदी ने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों के लिए, मैं कहना चाहता हूं कि ‘भारत आपके साथ है’। आप असाधारण पेशेवर हैं जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति में एक अविश्वसनीय योगदान दिया है। आपने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है, और आप हमें मुस्कुराने के कई और अवसर देंगे।”

प्रधान मंत्री ने कहा, “आज चंद्रमा के करीब पहुंचने का हमारा दृढ़ संकल्प कहीं ज्यादा मजबूत हो गया है।”

मोदी ने कहा कि पूरा देश एकजुटता के साथ जागते हुए मिशन की सफलता की राह तक रहा था क्योंकि वैज्ञानिक अंतरिक्ष कार्यक्रम के सबसे महत्वाकांक्षी मिशनों में से एक के लिए जुटे थे। उन्होंेने कहा, “हम बहुत करीब आ गए, लेकिन आने वाले समय में हमें और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होगी।”

उन्होंेने कहा, “हर भारतीय गर्व के साथ-साथ आत्मविश्वास से भरा है। हमें अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम और वैज्ञानिकों पर गर्व है .. उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प पर गर्व है।”

मोदी ने कहा, “असफलता से घबराए बिना डटे रहना भारत की परंपरा रही है। हजारों वर्षों के हमारे गौरवशाली इतिहास में, हमने बार-बार वापसी की है और फिर शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। यही कारण है कि हमारी सभ्यता महान है।”

मोदी ने कहा, “जब हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों की बात आती है, तो सर्वश्रेष्ठ होना अभी बाकी है।”

मोदी ने कहा कि अभी हमें और भी नए मोर्चे खोजने हैं और नए स्थानों पर पहुंचना है। “हम इस अवसर पर उठेंगे और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएंगे।”

उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान-2 मिशन को सफल बनाने के महत्वाकांक्षी प्रयास पर राष्ट्र ने जो गौरव महसूस किया, एक बार फिर से उसे दोहराया।

लैंडर विक्रम के साथ संपर्क टूटने के बाद 978 करोड़ रुपये की लागत वाले चंद्रयान -2 मिशन को अस्थायी रूप से झटका लगने के बाद, मोदी ने कहा, “जब लैंडर के साथ संपर्क टूटा उस समय मैं आपकी उदासी को पढ़ सकता था।”

शनिवार तड़के यहां आईएसटीआरएसी में मौजूद मोदी ने मिशन में रुकावट आने से निराश वैज्ञानिकों से बात की।

सिवन की पीठ थपथपाते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, “आप सभी ने आज जो कुछ भी किया है, वह बड़ी उपलिब्ध है। मैं आपके साथ हूं। साहसी बनें।”

सिवन ने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम जब योजना अनुरूप उतर रहा था और गंतव्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका प्रदर्शन सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया।

 

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