लंदन, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| पढ़ाई के प्रति किसी बच्चे में ध्यान का अभाव पाया जाता है, या अतिशय चंचलता के कारण उसका पढ़ने में मन नहीं लगता है तो स्कूल इन बच्चों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यह बात हालिया एक शोध में सामने आई है। यह शोध उन बच्चों पर केंद्रित है, जो ध्यानाभाव अति सक्रियता विकार (एडीएचडी) से पीड़ित हैं। एडीएचडी से पीड़ित बच्चों में एकाग्रता का अभाव होता है और उनमें चंचलता काफी ज्यादा होती है।
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के प्रोफेसर टामसिन फोर्ड ने कहा है, “एडीएचडी से पीड़ित बच्चे काफी निराले होते हैं। यह एक जटिल समस्या है और इसे दूर करने का कोई एक उपाय नहीं है, जो सबके लिए अनुकूल हो।”
फोर्ड ने कहा, “हालांकि हमारे शोध में काफी मजबूत तथ्य सामने आया है कि बगैर दवाई के स्कूल इस रोग से निजात दिलाने में मदद कर सकता है और बच्चे को उसकी क्षमता के अनुरूप उसके शैक्षणिक व अन्य नतीजों को हासिल करने लायक बना सकता है।”
रिव्यू ऑफ एजुकेशन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में शोधकर्ताओं की एक टीम ने एडीएचडी से पीड़ित बच्चों को स्कूल में मदद के लिए औषधि रहित उपायों को लेकर 28 बेतरतीब नियंत्रित प्रयोग किए।
अध्ययन के अनुसार, ज्यादा आवेग वाले बच्चे, जो एकाग्र नहीं हो पाते हैं, उनके लिए स्व नियमन कठिन कार्य है।
इसके अलावा बच्चों के लिए रोजाना एक लक्ष्य तय किया जाता है, उसकी समीक्षा एक कार्ड के जरिए की जाती है। बच्चे यह कार्ड स्कूल से घर और घर से स्कूल लाते और ले जाते हैं। इसमें उनको पारितोषिक दिया जाता है, जिससे वे अपने लक्ष्य को पूरा करने को लेकर उत्साहित होते हैं।
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