नई दिल्ली/इस्लामाबाद, 17 मई (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के पूर्व गुप्तचर/सुरक्षा प्रमुख ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान समर्थित हक्कानी नेटवर्क (एचक्यूएन) पश्चिम में एक और 9/11 जैसे आतंकवादी हमले की योजना बनाने के लिए प्रतिबंधित इस्लामिक आतंकवादी समूह अल-कायदा की मदद कर रहा है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) के पूर्व निदेशक रहमतुल्ला नबील ने रविवार को पोस्ट किए गए कई ट्वीट्स में यह खुलासा किया कि पाकिस्तान स्थित हक्कानी नेटवर्क द्वारा अल-कायदा का समर्थन जारी है।
उन्होंने ट्वीट किया, “अगर क्षेत्र में आतंकवाद के प्रायोजकों को रोका नहीं गया तो हम भविष्य में 9/11 शैली का एक और हमला देखेंगे। अल-कायदा के अल-जवाहिरी, अबू मुहम्मद अल मसरी और सैफ उल अदेल अभी भी पाकिस्तान स्थित एचक्यूएन के समर्थन से पश्चिम में हमलों की योजना बना रहे हैं।”
एचक्यूएन तालिबान की एक शाखा है, जिसका अध्यक्ष मौलवी जलालुद्दीन का बेटा सिराजुद्दीन हक्कानी है। यह एक अफगान इस्लामी आतंकवादी समूह है, जो अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो बलों और अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ लड़ रहा है। सीआईए ने 1980 के दशक में नेटवर्क को रोनाल्ड रीगन प्रशासन के दौरान अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई के लिए समर्थन दिया था।
जलालुद्दीन हक्कानी ने अपने नेटवर्क के लिए ओसामा बिन लादेन की भर्ती की, जिसने बाद में अल-कायदा की स्थापना की। अल-कायदा एचक्यूएन के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है जिसका इस्लामी शासन स्थापित करने का उद्देश्य अफगानिस्तान तक ही सीमित है।
अफगान सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा, “ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईपी) से लेकर अल-कायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) और अल-कायदा सेंट्रल (एक्यूसी) ये सभी एचक्यूएन नेतृत्व के सबसे मजबूत सहयोगी हैं।”
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से सिराजुद्दीन हक्कानी और उनके बड़े लड़ाकों के ये महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और व्यापक तालिबान आंदोलन पर नियंत्रण उन लोगों में डर पैदा करता है, जो आंदोलन में उनका विरोध करते हैं।
नबील ने खुलासा किया कि अब्दुल रऊफ जाकिर उर्फ कारी जाकिर, जो एचक्यूएन के आत्मघाती ऑपरेशन का प्रमुख भी था, उसके सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम था। वह कुर्रम एजेंसी के गुजगुरी इलाके में हमजा बिन लादेन (ओसामा का बेटा) के साथ ड्रोन हमले में मारा जा चुका है।
नबील ने ट्टीट में खुलासा करते हुए कहा, “हमजा बिन लादेन की मौत की पुष्टि सितंबर 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा की गई थी, लेकिन किसी ने भी उनकी मौत की जगह के बारे में बात नहीं की। वह कुर्रम एजेंसी में कारी जाकिर के साथ था! हमजा बिन लादेन को कारी जाकिर के साथ एक ही ड्रोन हमले में मार गिराया गया था।”
पूर्व एनडीएस निदेशक ने यह भी कहा कि तालिबान ने विशेष रूप से एचक्यूएन ने कभी भी अल-कायदा को दोषी नहीं ठहराया और उसकी निंदा नहीं की।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को टैग करते हुए नबील ने लिखा, “एबटाबाद में जब्त सामग्री से लेकर कुनार में फारूक अल काहतानी को आश्रय देने के बारे में खुफिया समुदायों को बहुत अच्छी तरह से पता है। खुफिया एंजेसी के सूत्रों को पता है कि एक्यूआईएस और एक्यूसी की उपस्थिति केवल उन क्षेत्रों में मजबूत है, जहां एचक्यूएन मौजूद/सक्रिय है। ये एजेंसियां सबूतों के ढेर पर बैठी हैं। हम कमरे में हाथी को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।”
–आईएएनएस
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