बिहार का काराकाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए खेमे से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी। कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उम्मीदवार कांति सिंह को हराया था। तीसरे स्थान पर जदयू (जेडीयू) के महाबली सिंह रहे। इस बार जदयू एनडीए का हिस्सा है और रालोसपा पाला बदलकर महागठबंधन में शामिल हो गयी है। जदयू की तरफ से महाबली सिंह और आरएलएसपी से उपेंद्र कुशवाहा ही मैदान में हैं।
काराकाट लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 19 मई को वोट डाले जाने हैं।
राजधानी पटना से करीब 126 किलोमीटर दूर काराकाट लोकसभा क्षेत्र रोहतास जिले का हिस्सा है। यहां से कुछ दूरी पर शेरशाह सूरी का किला भी है। रोहतास जिला कभी उद्योग का केंद्र होता था, लेकिन नक्सली हिंसा ने इसकी कमर तोड़ दी। अब यह वित्तीय रूप से पिछड़े और गरीब जिलों में शामिल है।
काराकाट सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। 1952 में ये इलाका शाहाबाद दक्षिणी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता था। पहली बार यहां से निर्दलीय उम्मीदवार कमल सिंह सांसद बने थे। 1962 में इस सीट का नाम बदलकर बिक्रमगंज कर दिया गया। 1989 से पहले इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन 1989 के बाद अब तक ये समाजवादियों के कब्जे में रही। बीजेपी इस सीट पर कभी चुनाव नहीं जीत पाई है।
काराकाट लोकसभा सीट बनने के बाद यहां पहली बार 2009 में लोकसभा चुनाव हुए। 2009 में जेडीयू के महाबली सिंह ने आरजेडी की कांति सिंह को हराया। वहीं 2014 में आरएलएसपी के उपेन्द्र कुशवाहा, आरजेडी की कांति सिंह को पटखनी देकर सांसद बने।
2014 लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा ने कांति सिंह को एक लाख से ज्यादा मतों हराया। उपेंद्र कुशवाहा को 338892 वोट मिले जबकि उपविजेता रहीं कांति सिंह को 233651वोट हासिल हुए। तीसरे स्थान पर जेडीयू के महाबली सिंह थे जिन्हें 76709 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे संजय किउ को 45503 और पांचवें नंबर पर सीपीआईएमल के राजाराम सिंह थे जिन्हें 32686 वोट मिले थे।
काराकाट संसदीय सीट में 6 विधानसभा सीटें आती हैं – ओबरा, गोह, नबीनगर, नोखा, डेहरी और काराकाट। काराकाट लोकसभा क्षेत्र में औरंगाबाद जिला की गोह, नबीनगर और ओबरा विधानसभा सीटों के साथ रोहतास जिले में पड़ने वाले नोखा, डिहरी और काराकाट को शामिल किया गया। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में काराकाट लोकसभा सीट में आने वाली 6 विधानसभा क्षेत्रों में 4 पर आरजेडी, एक पर बीजेपी और एक पर जेडीयू ने कब्जा जमाया।
इस सीट के तहत आने वाले कुल मतदाताओं की संख्या 1626868 है। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा आबादी यादव जाति के वोटरों की है। एक आंकड़े के मुताबिक कुल जनसंख्या में यादव 17.39 फीसदी, राजपूत 10.76 फीसदी, कोइरी 8.12 फीसदी, मुसलमान 8.94 फीसदी, ब्राह्मण 4.28 फीसदी और भूमिहार 2.94 फीसदी हैं।
इस सीट पर मुकाबला रालोसपा और जेडीयू के बीच है। दोनों उम्मीदवार अपनी-अपनी जातीय स्थिति के आधार पर जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। आरएलएसपी के उपेन्द्र कुशवाहा को कोइरी, यादव और मुसलमान के वोटों का गठजोड़ मजबूत बनाता है। वहीं महाबली सिंह सवर्ण और जेडीयू के अतिपिछड़े वोटर्स के भरोसे हैं।
निवर्तमान सांसद: उपेन्द्र कुशवाहा
उपेन्द्र कुशवाहा, रालोसपा – 3,38,892
कांति सिंह, राजद – 2,33,651
महाबली सिंह, जदयू – 76,709
अधिसूचना जारी | 22 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 29 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 30 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 2 मई |
मतदान की तारीख | 19 मई |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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