बिहार का एक महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मधुबनी नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अब्दुल बारी सिद्दीक़ी को नजदीकी मुकाबले में पराजित किया था। जदयू उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार बीजेपी ने मौजूदा सांसद हुकुमदेव यादव के बेटे अशोक कुमार यादव को टिकट दिया है। महागठबंधन खेमे से वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार बद्री कुमार मैदान में हैं। वहीं, कांग्रेस नेता डॉ शकील अहमद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं।
मधुबनी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में 6 मई को मतदान होने हैं।
मधुबनी जिले की पहचान मैथिल कोकिल कवि विद्यापति की जन्मस्थली और कालिदास की ज्ञानस्थली के रूप में है। मधुबनी बिहार के दरभंगा प्रमंडल का एक प्रमुख शहर एवं जिला है। दरभंगा और मधुबनी को मिथिला संस्कृति का केंद्र माना जाता है। मैथिली तथा हिंदी यहां की प्रमुख भाषा है। मधुबनी पेंटिंग एवं मखाना के पैदावार की वजह से मधुबनी दुनियाभर में मशहूर है।
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र का विस्तार मधुबनी और दरभंगा दो जिलों में है। 1976 से पहले यह क्षेत्र दरभंगा-पूर्व या जयनगर लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। राजनीतिक क्षेत्र में इस लोकसभा की पहचान पूर्व में वामपंथियों के गढ़ के रूप में भी रही है। इस क्षेत्र पर कभी कांग्रेस का भी कब्जा रहा है। कालांतर में भाजपा ने भी यहाँ अपनी पकड़ बनाई।
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से सात बार कांग्रेस विजयी हुई है। तीन-तीन बार भाकपा और भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। प्रजातांत्रिक सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय लोकदल ने भी इस क्षेत्र का एक-एक बार प्रतिनिधित्व किया है। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कई दिग्गज राजनेताओं ने किया है। इनमें कांग्रेस के डॉ. जगन्नाथ मिश्र, भाकपा के भोगेंद्र झा और चतुरानन मिश्र, कांग्रेस के ही डॉ. शकील अहमद, भाजपा के दिग्गज नेता हुकुमदेव नारायण यादव (वर्तमान सांसद) शामिल हैं।
2014 के चुनाव नतीजों पर गौर करें तो मधुबनी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार हुकुमदेव नारायण यादव को जीत हासिल हुई थी। हुकुमदेव नारायण यादव को 3,58,040 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दिकी रहे जिन्हें 3,37,505 वोट मिले।
मधुबनी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी, केवटी और जाले। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इनमें से तीन सीटें आरजेडी, एक बीजेपी, एक कांग्रेस और एक आरएलएसपी ने जीती।
मधुबनी संसदीय क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 1,397,256 है। इसमें 755,812 पुरुष वोटर हैं जबकि 641,444 महिला वोटर हैं। मधुबनी में मुस्लिम, यादव और ब्राह्मणों की बड़ी आबादी है। यहां कायस्थ, राजपूत, भूमिहार के अलावा केवट, धानुक और वैश्यों की भी दमदार उपस्थिति है। 15 फीसदी आबादी वाली अतिपिछड़ी जातियां यहां गेमचेंजर साबित हो सकती है।
निवर्तमान सांसद: हुकुमदेव नारायण यादव
हुकुमदेव नारायण यादव, बीजेपी – 3,58,040
अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजद – 3,37,505
प्रोफेसर गुलाम गौस, जेडीयू – 56,392
अधिसूचना जारी | 10 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 18 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 20 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 22 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 6 मई |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
लोकसभा चुनाव 2019: पांचवें चरण में 6 मई को इन सीटों पर होगी वोटिंग, देखें राज्यवार सूची
This post was last modified on May 3, 2019 7:30 PM
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