मुंगेर बिहार का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी के तौर पर लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) की वीणा देवी ने जदयू के राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह को मात दी थी। याद रहे कि 2014 के चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं थी और अलग चुनाव लड़ा था। तीसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रगति मेहता रहे। इस बार मुंगेर सीट जदयू के खाते में आयी है और पार्टी ने राजीव रंजन (ललन सिंह) को ही चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, महागठबंधन खेमे से यह सीट कांग्रेस के पाले में आयी और कांग्रेस ने नीलम देवी को टिकट दिया है। नीलम देवी मोकामा के बाहुबली और निर्दलीय विधायक अनंत सिंह की पत्नी हैं।
मुंगेर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होने हैं।
गंगा नदी के किनारे बसे मुंगेर का इतिहास काफी गौरवशाली और समृद्ध रहा है। सन 1761 में मुंगेर बंगाल के नवाब, मीर कासिम की राजधानी बनी। यहां के ऐतिहासिक किले का निर्माण मीर कासिम ने कराया। मुंगेर में हथियार निर्माण की आधारशिला भी मीर कासिम ने ही रखी थी। वर्तमान में मुंगेर योग नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां का योग विश्वविद्यालय योग आश्रम के नाम मशहूर है। मुंगेर के जमालपुर में देश का सबसे पुराना और एशिया का पहला रेल कारखाना स्थापित है।
मुंगेर लोकसभा शुरू से ही बिहार की हॉट सीट रही है। 1932 में मुंगेर जिला भागलपुर जिले से काट कर अलग किया गया। इसके बाद भी मुंगेर जिले का क्षेत्रफल काफी अधिक था। 1952 में लोकसभा चुनाव हुआ, तो मुंगेर जिले से चार सांसद चुने गए थे। प्रथम लोकसभा चुनाव में मुंगेर जिले में मुंगेर नॉर्थ-वेस्ट लोकसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के पंडित सुरेश चंद्रा, मुंगेर साउथ-ईस्ट लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी मथुरा प्रसाद, मुंगेर सदर सह जमुई एससी से नयन तारा और मुंगेर सदर सह जमुई जनरल से बनारसी प्रसाद सिन्हा सांसद चुने गए थे।
1964 और 1967 में डा. राम मनोहर लोहिया के अनुयायी और प्रखर समाजवादी मधुलिमये ने दो बार यहां से जीत दर्ज की थी। 1989 के बाद बिहार में कांग्रेस का जनाधार गिरने लगा और मुंगेर में जनता दल और इससे अलग हुई पार्टियों के उम्मीदवार ही जीतते रहे। कांग्रेस पार्टी के डीपी यादव यहां से तीन बार सांसद चुने गये, जबकि ब्रह्मानंद मंडल भी अलग-अलग पार्टियों से तीन बार सांसद बने। वर्ष 2009 के परिसीमन के पूर्व मुंगेर जिले में हवेली खड़गपुर विधानसभा क्षेत्र होता था। वर्ष 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में डॉ. श्रीकृष्ण सिंह हवेली खड़गपुर से जीतकर बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए से लोजपा की प्रत्याशी वीणा देवी पहली बार मुंगेर की सांसद बनीं और मुंगेर से पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी ललन सिंह को 1,09,064 मतों से शिकस्त दी थी। इससे पहले 2009 में नवादा सीट से भी वीणा देवी ने किस्मत आजमाया था, मगर भाजपा के भोला सिंह ने उन्हें पराजित कर दिया था।
2009 में परिसीमन के बाद मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का दायरा तीन जिलों तक फैला है। इसकी सीमा मुंगेर के अलावा लखीसराय व पटना जिले तक फैली है। मुंगेर संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं – मुंगेर, जमालपुर, लखीसराय, सूर्यगढ़ा, मोकामा, बाढ़।
मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 1,564,604 है जिनमें पुरुष वोटर 849,060 और महिला 715,544 हैं। पूरे बिहार में साक्षरता दर देखें तो मुंगेर काफी आगे है। यहां साक्षरता दर 73.3 प्रतिशत है। मुंगेर संसदीय क्षेत्र में अतिपिछड़े वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। एक आंकड़े के मुताबिक पूरे संसदीय क्षेत्र में करीब 6.5 लाख अतिपिछड़े मतदाता हैं। इनमें कुर्मी वोटरों की संख्या सर्वाधिक है। करीब 2.25 लाख भूमिहार मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की संख्या करीब 1.75 लाख है, जबकि मुसलमान 1.25 लाख के करीब हैं। इसके अलावा यहां करीब तीन लाख पिछड़ी जाति के वोटर हैं।
इस बार मुंगेर से चुनावी दंगल में कुल 19 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला महागठबंधन के प्रत्याशी बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी और एनडीए प्रत्याशी राज्य के जल संसधान मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच है। मुंगेर संसदीय क्षेत्र में भूमिहार और अतिपिछड़े वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। लेकिन भूमिहार के वोटों का ध्रुवीकरण किसी एक उम्मीदवार की तरफ होता आया है। दोनों ही प्रत्याशी भूमिहार जाति से हैं। अब देखना है कि इस बार के चुनाव में ऊंट किस करवट बैठता है।
निवर्तमान सांसद: वीणा देवी
वीणा देवी (एनडीए) – 3,52,911
ललन सिंह (जदयू) – 2,43,847
प्रगति मेहता (राजद) – 1,82,971
अधिसूचना जारी | 2 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 9 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 10 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 12 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 29 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
लोकसभा चुनाव 2019: चौथे चरण में 29 अप्रैल को इन सीटों पर होगी वोटिंग, देखें राज्यवार सूची
This post was last modified on April 25, 2019 6:07 PM
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