बिहार का पटना साहिब लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस प्रत्याशी और भोजपुरी अभिनेता कुणाल सिंह को करारी मात दी थी। बिहारी बाबू के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा पिछले पांच सालों में बीजेपी के शत्रु बन गए, जिसके चलते पार्टी ने उनका टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को टिकट दिया है। ‘शॉटगन’ ने भी बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया और चुआवि मैदान में महागठबंधन की ओर से दावा पेश कर रहे हैं।
पटना साहिब लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 19 मई को वोट डाले जाने हैं।
पटना साहिब लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार के पटना जिले में पड़ता है। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्म यहीं हुआ था। पटना साहिब गुरुद्वारा को पंच तख्त भी कहा जाता है। 2008 परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। ईवीएम के साथ मतदाता-सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) प्रणाली का उपयोग पहली बार इस लोकसभा क्षेत्र में 2014 के चुनावों में किया गया था। इस क्षेत्र में पटना विश्वाविद्यालय, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चाणक्य विधि विश्व विद्यालय समेत कई बड़े शिक्षा संस्थान मौजूद हैं।
2008 में परिसिमन से पहले पटना सीट पर 1952 से 1962 तक कांग्रेस तथा 1967 एवं 1971, 1980 में सीपीआई ने जीत दर्ज की । 1977 में जनता दल, 1984 में कांग्रेस जीती । 1989 में पहली बार भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की । 1991 एवं 1996 में जनता दल तथा 1998 एवं 1999 में यह सीट भाजपा की झोली में गई । 2004 में यह सीट राजद के खाते में गई। 2008 में नए परिसीमन के बाद से यहां पर दो लोकसभा चुनाव हुए हैं। दोनों ही बार बीजेपी के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा सांसद चुने गए। 2009 में शत्रुघ्न सिन्हा ने राजद के विजय कुमार को हराया था। जबकि अभिनेता शेखर सुमन कांग्रेस के टिकट पर यहां चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे।
2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस के कुणाल सिंह को ढाई लाख से अधिक मतों से हराया था। कुणाल सिंह भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा को 4,85,905 वोट मिले जबकि कुणाल सिंह को 2,20,100 वोट हासिल हुए। जदयू के गोपाल प्रसाद सिन्हा को 91,024 वोट मिले।
पटना साहिब लोकसभा सीट में छह विधानसभा सीटें आती हैं- बख्तियारपुर, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, दीघा और फतुहा। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की। सिर्फ फतुहा सीट राजद के हिस्से आई। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 21,36,684 है। इनमें महिला मतदाता 10,08,966,पुरुष मतदाता 11,27,718,थर्ड जेंडर 116 और नए मतदाता 20,878 हैं।
जातीय समीकरण की बात करें तो पटना साहिब लोकसभा सीट पर पर कायस्थों का दबदबा है। यहां कायस्थों के बाद यादव और राजपूत वोटरों का बोलबाला है। दिलचस्प बात ये है कि यहाँ के कायस्थ मतदाताओं का झुकाव बीजेपी के पक्ष में रहता है, ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस के टिकट पर उतरने से यहां मुकाबला कड़ा हो सकता है। कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में आने से शत्रुघ्न को महागठबंधन के तहत यादव, मुस्लिम, दलित मतों का समर्थन मिल सकता है। इसके अलावा कायस्थ के वोटों में भी शत्रुघ्न सेंधमारी कर सकते हैं।
वहीं, रविशंकर प्रसाद पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। ऐसे में कायस्थों मतों के साधने के साथ-साथ बीजेपी के परंपरागत वोटों को भी साधने की बड़ी चुनौती है। जिस तरह से आरके सिन्हा के समर्थक लगातार उनकी मुखालफत कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें भितरघात से भी निपटना पड़ सकता है।
निवर्तमान सांसद: शत्रुघ्न सिन्हा
शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी – 4,85,905
कुणाल सिंह, कांग्रेस – 2,20,100
डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा, जदयू – 91,024
अधिसूचना जारी | 22 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 29 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 30 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 2 मई |
मतदान की तारीख | 19 मई |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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