नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एमडीएमके के महासचिव वाइको की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका खारिज कर दी, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की रिहाई की मांग की गई थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के प्रावधानों के तहत उनकी गिरफ्तारी पर गौर करने के बाद याचिका में कोई दम नजर रही आया।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को उचित प्राधिकरण के समक्ष गिरफ्तारी को चुनौती देने की स्वतंत्रता है।
अब्दुल्ला सहित जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर राजनेता पांच अगस्त से नजरबंदी में हैं। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द करने की घोषणा की।
राज्यसभा सांसद वाइको ने अब्दुल्ला को चेन्नई में एक सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति देने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी। यह सम्मेलन 15 सितंबर को वाइको द्वारा आयोजित किया गया था। अब यह समारोह खत्म हो चुका है।
वाइको ने अदालत से कहा कि कई सालों से वह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री थिरु सी.एन.अन्नादुरई की जयंती के मौके पर एक सम्मेलन आयोजित करते आ रहे हैं।
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