मुंबई, 22 नवंबर (आईएएनएस)| डिजिटल फिल्म ‘टाइगर्स’ की निर्माता गुनीत मोंगा का कहना है कि फिल्म की कहानी से लोगों की सोच में बदलाव लाया जा सकता है और समाज में बदलाव के लिए बातचीत शुरू की जा सकती है।
इमरान हाश्मी द्वारा अभिनीत ‘टाइगर्स’ बाल की कहानी पोषण और कॉपोर्रेट जिम्मेदारियों से संबंधित है।
गुनीत ने आईएएनएस से कहा, “ईमानदारी से कहूंगी कि मैं एक फिल्म बनाकर दुनिया नहीं बदल सकती, लेकिन निश्चित रूप से बातचीत शुरू कर सकती हूं, जो आपकी सोच में बदलाव ला सकता है। जब भी हम कुछ गलत होते देखें तो सिस्टम के खिलाफ सवाल पूछना जरूरी है।”
‘टाइगर्स’ की कहानी मल्टीनेशनल बेबी फूड कंपनियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को जाल में फंसाते हैं कि वे बच्चों के माता पिता को फॉर्मूला मिल्क खरीदने के लिए कहें और नवजात बच्चों को मां के दूध से दूर रखें।
चूंकि उन अस्पतालों में गरीब जाते हैं, जिनके पास स्वच्छ पानी नहीं है, वे गंदे पानी में फॉर्मूला मिल्क मिलाते हैं, जिससे बच्चों की मौत हो जाती है।
उन्होंने कहा, “इस फिल्म के माध्यम से हम इस बारे में जागरूकता पैदा करना चाहते हैं कि बच्चों के लिए स्तनपान कैसे महत्वपूर्ण है और कैसे दूध फामूर्ला बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, खासकर जो समाज के निम्न आय वर्गो से हैं।”
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