तेलुगु देशम पार्टी(TDP) में एक अजीब मामला सामने आया है। नेल्लोर से पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अडाला प्रभाकर रेड्डी ने शुक्रवार को आश्चर्यजनक रुप से पलटी मार ली। अब वो विपक्षी पार्टी YSR कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। यह आश्चर्यजनक घटना पार्टी अध्यक्ष चंद्र बाबु नायडू के द्वारा नेल्लोर ग्रामीण सीट से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा के कुछ ही घंटो के अंदर हुई।
नेल्लोर (ग्रामीण) विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी बनाये जाने के कुछ घंटों के बाद पूर्व मंत्री अदाला प्रभाकर रेड्डी ने सत्तारूढ़ तेदेपा को झटका देते हुये शनिवार को विपक्षी YSR कांग्रेस में शामिल हो गये। पार्टी अध्यक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी की उपस्थिति में रेड्डी वाईएसआर कांग्रेस में शामिल हुये।
इससे पहले तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बृहस्पतिवार रात में 125 अन्य प्रत्याशियों के साथ रेड्डी के नाम की घोषणा की थी। उन्हें नेल्लोर (ग्रामीण) क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया था। घोषणा के बाद से ही उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार अदाला ने पार्टी से टिकट लेने के लिए काफी जोड़तोड़ की और वो इसमें सफल भी रहे। गुरुवार को चंद्र बाबु नायडू द्वारा 126 सीटों की घोषणा से पहले ही अदाला को यह पता था के उनको नेल्लोर ग्रामीण की सीट मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ अदाला नायडू के साथ अपने प्रभावों का इस्तेमाल करते हुए बहुत सारे अनुबंधों के बकाया 43 करोड़ रुपये भी लेने के प्रयास में लगे हुए थे।
शुक्रवार सुबह को अड़ाला ने नेल्लोर क्षेत्र से पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत की। दोपहर को उन्हें यह खबर मिली के 43 करोड़ के उनके लंबित चल रहे पैसों को उनके खाते में डाल दिया गया है।
इसके तुरंत बाद अडाला अपने प्रचार अभियान को रोकते हुए वहां से यह कहकर निकल गए के उन्हें नायडू का जरुरी फोन आया है और उन्हें अमरावती जाना है। मगर अडाला अमरावती नहीं पहुंचे और उनका फोन भी बंद आने लगा और पार्टी के किसी नेता से भी इस बीच उनका कोई सम्पर्क नहीं रहा। इस पूरे घटनाक्रम के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में भी भ्रम की स्थिति बनी रही के अडाला कहां हैं। गुस्से में आकार कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र और उनके आवास पर लगे उनके सारे पोस्टर-बैनर भी फाड़ डाले।
इसके बाद TDP नेताओं को यह अहसास हुआ के अडाला ने पार्टी के साथ धोखा दिया है। बाद में यह साफ भी हो गया के अडाला विपक्षी YSR कांग्रेस पार्टी के भी सम्पर्क में थे और वहां से उन्हें नेल्लोर क्षेत्र से टिकट मिलने का भरोसा दिया गया था।
TDP ने भी इस बात को समझा के असल में अडाला पहले से ही YSR कांग्रेस से जुड़ने की तैयारी कर ली थी, मगर 43 करोड़ के लंबित पैसे मिलने का इंतजार करते हुए वो यह दिखाना चाहते थे के वो TDP में ही हैं, मगर पैसे मिलते ही वो YSR कांगेस के साथ हो लिए।
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