नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत के टॉप रैली चालक गौरव गिल ने वर्ल्ड रैली चैम्पियनशिप के तहत आयोजित -रैली ऑफ तुर्की- में हिस्सा लेते हुए न सिर्फ अपनी छाप छोड़ी है बल्कि दूसरे चालकों की तारीफें भी बटोरने में सफल रहे हैं।
यह अलग बात है कि कई पंक्चरों और तकनीकी खामियों के कारण वह इस रैली में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन इसके बावजूद गौरव ने पहली बार पंजीकृत चालक के तौर पर इस रैली में हिस्सा लेते हुए काफी कुछ हासिल किया।
जेके रेसिंग के इस चालक के लिए अंतिम दिन टॉप-5 फिनिश आसानी से दिख रहा था। गौरव ने दिन के पहले स्टेज में दूसरा स्थान हासिल किया। इसके बाद गौरव ने अगले स्टेज में तीसरा स्थान हासिल किया। वह काफी तेजी से लीडरबोर्ड पर अपनी उपस्थिति मजबूत करते नजर आ रहे थे।
गौरव ने नौ में से पांच स्टेज बिना किसी मुश्किल के पार की और टॉप-3 में रहे लेकिन आठवें राउंड में उनकी किस्मत ने उनका साथ छोड़ दिया। उनकी कार का ट्रांसमिशन खराब हो गया और उन्हें बीच रास्ते में ही रुकना पड़ा। कार बुरी तरह लॉक हो गई और इस कारण उसे एक कदम भी धक्का देना मुश्किल था। उसे न्यूट्रल में भी लाना मुश्किल था। इसेस गौरव के डब्ल्यूआरसी के फाइनल स्ट्रेज में जाने की सारी सम्भावनाएं खत्म हो गईं।
गौरव ने कहा, “मेरे लिए यह सबसे कठिन सप्ताहांत में से एक था। यह सही मायने में मेरे जीवन की सबसे कठिन रैली थी। शुरुआत से लेकर अंत तक अच्छी लय हासिल करना मुश्किल था क्योंकि रैली काफी धीमी और ट्वीस्टी थी। इसका कारण यह था कि इसका रास्ता काफी पथरीला था और रास्ते में कई बोल्डर थे।”
गौरव ने आगे कहा, “हां, मेरे पास इस कार के साथ पहले का अनुभव नहीं था। मैं सेटअप को लेकर अनभिज्ञ था। यह मेरे लिए कठिनाई का कारण था। मैंने एक बार में एक कदम आगे जाने का प्लान बनाया था और यह सफल होता दिख रहा था लेकिन तकनीकी खराबी के कारण मैं यह लड़ाई हार गया। अच्छी बात यह है कि हमने कुछ अच्छा समय निकाला और अगले राउंड में हम इसी सकारात्मक परिणाम के साथ हिस्सा लेंगे।”
गौरव बोले, “मैंने जिस तरह से मुश्किल हालात का सामना किया, उसे लेकर लगभग सभी टॉप चालकों ने मेरी तारीफ की।”
रैली ऑफ तुर्की की पहचान दुनिया की सबसे कठिन रैली के तौर पर है। इसमें 11 चालक अयोग्य और एक डीएनएफ करार दिया गया। चार दिनों तक गौरव को कुल 988.50 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी जिसमें 310.10 स्पेशल स्टेजों से भरा हुआ था। हर स्टेज चालक और उसकी कार के लिए परीक्षा थे।
तीन बार के एपीआरसी चैम्पियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता गौरव ने विश्व स्तर पर हाई नोट के साथ शुरुआत की। चार स्टेज पर हालांकि उन्हें तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ा।
पहले तो फ्रंट सस्पेंशन टूटा और फिर ट्रांसमिशन फेल्योर हुआ। कुछ स्टेज के दौरान तो गौरव की कार पंक्चर भी हुई। इन सबके बावजूद गौरव शीर्ष स्तर पर अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…