गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा, ट्रेन व बस के प्रस्थान पर स्पष्टता हो

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रव्यापी बंद के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के ट्रेन एवं बसों से प्रस्थान को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने रेलवे स्टेशनों और बस डिपो पर भीड़ बढ़ने की घटनाओं को देखते हुए प्रवासियों के लिए ट्रेन या बस के प्रस्थान को लेकर स्पष्ट रणनीति अपनाने पर जोर दिया है।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि ट्रेनों के प्रस्थान को लेकर प्रवासी मजदूरों के बीच सही जानकारी नहीं है। ऐसे में राज्य रेल मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करते हुए स्पष्टता रखें और मजदूरों के लिए और स्पेशल ट्रेनें चलानी चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि यातायात संबंधी अफवाहें भी प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं, इसलिए इससे बचना चाहिए।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासन को निर्देश जारी किया कि फंसे हुए श्रमिकों के घर लौटते समय बड़े स्तर पर उनकी आवाजाही से नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण का डर बना हुआ है। इसलिए पर्याप्त उपायों की जरूरत है।

अपनी नई गाइडलाइन में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि प्रवासी मजदूरों के संकट को कम करने में सहयोग करें, जो कि देश के अलग-अलग हिस्सों से पैदल ही अपने घर को जा रहे हैं।

इसके साथ ही मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी प्रवासी मजदूर सड़क या रेलवे ट्रैक के जरिए पैदल चलकर न जाए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि रेल मंत्रालय से समन्वय करें, ताकि प्रवासियों को उनके मूल स्थान तक पहुंचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा ट्रेन चलाई जा सकें।

अजय भल्ला ने राज्य प्रशासन से कहा है कि प्रवासी मजदूर जिन रास्तों से अपने घर के लिए जा रहे हैं, वहां पर उनके लिए विश्राम स्थल बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की मदद से इन जगहों की पहचान की जा सकती है और गैर सरकारी संगठन उन्हें बनाने में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, गृह सचिव ने राज्यों को इन जगहों पर साफ-सफाई, भोजन और स्वास्थ्य की सभी जरूरी व्यवस्था करने को भी कहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन और राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी प्रवासी मजदूर को घर जाने के लिए सड़क या रेलवे ट्रैक पर चलने का सहारा न लेना पड़े।

आदेश में कहा गया है, प्रवासी श्रमिकों के बीच महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

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