घरेलू शेयर बाजार पर रहेगा कोरोना, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का असर

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मुंबई, 10 मई (आईएएनएस)। घरेलू शेयर बाजार पर इस सप्ताह भी कोरोना के कहर का असर बना रहेगा, क्योंकि देश में लगातार वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं, इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों, प्रमुख कंपनियों के वित्तीय नतीजों से बाजार को दिशा मिलेगी। इन सबके बीच वैश्विक बाजारों से मिलने वाले संकेतों से भारतीय शेयर बाजार की चाल तय होगी।

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है और भारत में भी स्थिति खराब होती जा रही है। देश में कोरोनावायरस संक्रमण के 62,900 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और इससे 2,100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में इस महामारी से देश की आर्थिक गतिविधियों पर पड़ने वाले असर की आशंकाओं से कारोबारी रुझान में कमजोरी आ सकती है।

हालांकि निवेशकों की नजर इस सप्ताह जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों पर भी रहेगी। सप्ताह के दौरान मंगलवार को मार्च महीने के देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होंगे और इसी दिन खुदरा महंगाई के आंकड़े भी जारी होंगे। इसके बाद गुरुवार को थोक मूल्य आधारित महंगाई के आंकड़े जारी होंगे।

इससे पहले सप्ताह के आरंभ में सोमवार को ही वोकहार्ड और गोदरेज प्रॉपर्टीज के बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के वित्तीय नतीजे आ सकते हैं। अगले दिन मंगलवार को नेस्ले इंडिया भी आखिरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे जारी कर सकती है। इसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक और मारुति सुजुकी इंडिया के वित्तीय नतीजे बुधवार को जारी होंगे। मनपुरम फाइनेंस और बायोकॉन के वित्तीय नतीजे गुरुवार को जारी होंगे, जबकि निप्पॉन एएमसी और एलएंडटी टेक अपने वित्तीय नतीजे कारोबारी सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को जारी कर सकती हैं।

निवेशकों की नजर कोरोना महामारी के प्रकोप को लेकर सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर भी रहेगी, क्योंकि कोरोनावायरस के संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए प्रभावी उपाय के तौर पर जारी लॉकडाउन का भी यह आखिरी सप्ताह होगा। तीसरी बार बढ़ाई गई लॉकडाउन की अवधि 17 मई को समाप्त हो रही है। लिहाजा, इस संबंध में सरकार के आगामी फैसले का सबको इंतजार रहेगा।

घरेलू शेयर बाजार की दिशा तय करने में डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की भी भूमिका रहेगी। हालांकि लॉकडाउन के कारण तेल की खपत काफी घट गई है। अप्रैल महीने में ईंधन की खपत पिछले साल के मुकाबले 45.8 फीसदी घट गई।

वही, एमएसएमई समेत देश की अर्थव्यवस्था के अन्य सेक्टरों के लिए सरकार से आर्थिक पैकेज की उम्मीद की जा रही है। बाजार की नजर उस पर भी बनी रहेगी।

इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों और प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का भी घरेलू बाजार पर असर देखने को मिल सकता है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार करार के पहले चरण की प्रगति को लेकर अगले सप्ताह दोनों देशों के अधिकारियों की बातचीत को लेकर असमंजस बना हुआ है, क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोनावायरस के प्रकोप को लेकर चीन को दोषी ठहराया है। इस सप्ताह के दौरान शुक्रवार को चीन में भी अप्रैल महीने के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होने वाले हैं, जिसका निवेशकों को इंतजार रहेगा।

–आईएएनएस

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