दिवाली से पहले प्राइवेट नौकरी वालें के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार कर सकती है नई स्कीम का ऐलान

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कोरोना काल में प्राइवेट नौकरी कर रहे लोगों की जिंदगी पर खासा असर पड़ा है। कईयों की नौकरियां चली गईं तो कईयों के वेतन में कटौती हुई। लेकिन अब प्राइवेट नौकरी वलों के लिए खुशखबरी आ रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) भी कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था की हालत दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार आगे भी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि बहुत जल्द ही प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए भी LTC (Leave Travel Allowances) लाभ पर तस्वीर साफ कर दी जाएगी। हाल ही में ऐलान किए गए प्रोत्साहन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा वंचित एवं गरीब वर्ग को जरूरी मदद पहुंचाने की है। इस पैकेज का ऐलान भले ही सरकारी कर्मचारियों के लिए किया गया, लेकिन ये खर्च कुछ ऐसी वस्तुओं पर होने वाले हैं, जिसका सीधा लाभ छोटे व्यापारी को मिल सकेगा।

अनुराग सिंह ठाकुर ने इसपर कहा है कि आने वाले सप्ताह में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए LTA लाभ देने को लेकर स्पष्टीकरण जारी की जाएगी। हालिया प्रोत्साहन वंचित और गरीब वर्ग की मदद के लिए है। आगे भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को LTA लाभ दिए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि बहुत जल्द उन कर्मचारियों के लिए बारे में स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा, जिन्होंने नए टैक्स सिस्टम को अपना लिया है या जिन्होंने पहले ही LTA का लाभ ले लिया है। आने वाले सप्ताह में इस बारे में स्पष्टीकरण जारी हो सकता है।

एक अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में अनुराग ठाकुर ने दोनों प्रोत्साहन पैकेज और अर्थव्यवस्था पर इसके असर को लेकर कहा कि हमें बड़ी तस्वीर देखने की जरूरत है। आलोचना तो स्वाभाविक रूप से होगी. भारत ही इकलौता ऐसा देश है जहां 8 महीनों के लिए 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज दिया गया। इसके अलावा, गरीब वर्ग के बैंक अकाउंट में 68,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं।

वहीं, ग्रामीण अर्थवयवस्था को लेकर ठाकुर ने इस इंटरव्यू में कहा था कि यह बेहतर स्थिति में है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में केवल मनरेगा या कृषि की बात नहीं है। इन्फ्रास्ट्रक्चर स्तर पर यहां काम हो रहा है जिससे रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में अब ट्रैक्टर, मोटरबाइक्स, चार पहिया और घरों की मांग बढ़ रही है। अब लोग इस पर खर्च करने लगे हैं।

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