ग्रेटा थनबर्ग के निशाने पर अडानी ग्रुप, ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदानों के प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की उठाई मांग

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भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की ऑस्ट्रेलिया में कोल माइनिंग प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, जलवायु परिवर्तन और संरक्षण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग को लेकर अडानी ग्रुप के खिलाफ ताल ठोक दिया है। ग्रेटा ने ऑस्ट्रेलिया में चल रहे अडानी के सभी माइनिंग प्रोजेक्टस को रोकने की अपील की है।

ग्रेटा थनबर्ग ने ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग के लिए गौतम अडानी की कंपनी को सीधे तौर पर जिम्मेदार तो नहीं ठहराया, लेकिन इस बात पर जरूर बल दिया है कि अडानी के प्रोजेक्ट्स पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से ऑस्ट्रेलिया के जंगल में भयंकर आग लगी हुई है। इस आग में सैकड़ों वर्ग किलोमीटर के जंगल जलकर स्वाहा हो गए हैं और लाखों पशुधन मारे गए हैं। इस आग से ऑस्ट्रेलिया ही नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी के पर्यावरण पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

बता दें कि, गौतम अडानी की कंपनी की ओर से ऑस्ट्रेलिया के क्विन्सलैण्ड में कोयला खदानों को खोदने का काम चल रहा है। परियोजना में अडानी समूह के साथ जर्मनी की सीमेंस कंपनी भागीदार है। सीमेंस की योजना अडानी समूह के लिए एक कोयला खदान विकसित करने की है। इन खदानों से प्रति वर्ष लगभग 5-7 मिलियन टन कोयला उत्पादन होने का अनुमान है। कोयले का निर्यात अडानी समूह से भारत और अन्य देशों में किया जाएगा।

ग्रेटा का मानना है कि इन कोयले की खानों से पर्यावरण को गंभीर रूप से हानि हो रही है। ग्रेटा ने ट्विटर पर गौतम अडानी की पार्टनर जर्मन कंपनी सीमेंस से इस परियोजना पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। ग्रेटा ने हैशटैग #StopAdani के साथ ट्वीट कर ऑस्ट्रेलियाई पर्यावरणविदों का ध्यान आकर्षित किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटा थनबर्ग की अपील पर सीमेंस अब सोमवार को कोई फैसला लेगा। ऐसी जानकारी कंपनी की ओर से दी गई है। लेकिन इस मांग के बाद ग्रेटा थनबर्ग फिर एक बार विश्व भर की सुर्खियां बटोर रही हैं। ज्ञात हो कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण को लेकर स्वीडन की सबसे कम उम्र की पर्यावरण रक्षक ग्रेटा थनबर्ग पिछले कई वर्षों से पूरे विश्व में काम कर रही है। हाल ही में उन्होंने यूनाइटेड नेशन्स तक अपनी आवाज को बुलंद किया था। ग्रेटा काफी आक्रामक तरीके से पूरे विश्व में पर्यावरण रक्षण के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।


आस्ट्रेलियाई छात्रों का अडानी कोयला खदान के खिलाफ प्रदर्शन

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