नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला द्वारा दायर याचिका पर शहर की सरकार से जवाब मांगा, जिसकी शादी 16 साल की उम्र में हुई थी, उसने अपनी शादी को चुनौती देते हुए बाल विवाहों को अवैध घोषित करने की मांग की।
याचिका के अनुसार, महिला जब 16 साल की थी तब शादी करने के लिए उसे मजबूर किया गया था लेकिन वह कभी भी अपने पति के साथ नहीं रही। उसने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है और आगे की पढ़ाई कर रही है।
याचिका के माध्यम से, उसने यह घोषित करने की मांग की है कि उसकी शादी को अवैध करार दिया जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा, 18 साल से कम उम्र में शादी के लिए सहमति किसी भी परिस्थिति में वैध सहमति नहीं हो सकती है।
अन्य बातों के अलावा, महिला ने अदालत से दिल्ली सरकार को राज्य में हुए बाल विवाहों को अवैध घोषित करने के लिए उचित निर्देश देने की मांग की।
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) और दिल्ली सरकार याचिका में प्रतिवादी हैं। उसने अपने पति और दो अन्य प्रतिवादियोंसे पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक व्यवस्था के लिए भी अनुरोध किया है।
–आईएएनएस
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